Sity : The Stray Dog
Sity : The Stray Dog


ना बोल सकूं ना डाँट सकूं
धुतकारे जाने पर बस चीख सकूं
ढूंढती हूँ इन गलियों में दो वक्त की रोटी
मिल जाए तो चैन से,
ना मिले तो भूखे पेट सोती
राह के बंदे हैं राह पर चलते हैं
फिर भी क्यों पत्थर खाने पड़ते हैं...?
इंसानों की इस बस्ती में एक मिला साथी
जिसने दिया है नाम 'सिटी'।