सिख........!
सिख........!
एक बार की बात है एक गांव में काफी लोग पीपल के पेड़ के नीचे ठंडी छांव में सभी अपनी मंडली लगाए हुए बैठे थे तभी, एक ने एक प्रश्न पुछा- कहा रुको! मैं एक प्रश्न पूछता हूं उसने पूछा कि, शेर हमें कुछ नहीं देता शेर से हमें कुछ लाभ नहीं होता फिर भी इतना प्रयास किया जाता है टाइगर प्रोजेक्ट वगैरह अधिनियम बनाये गए है???? किसी ने कहा दूध देता है, दूसरे ने कहा शेर के दूध से तू क्या करेगा दूसरे ने कहा, शेर का दूध खांसी में काम आता है तीसरे ने कहा कि तेरे पिताजी को पिलाया कि तूने ऐसे करते-करते इनकी यह बातें चलती गयी और काफी टाइम हो गया। तभी एक भिखारी निकल रहा था पास से, किसी ने कहा इससे पूछते कुछ मालूम होगा। उसने कहा कि हमारे एक प्रश्न है और हमारे समझ में नहीं आ रहा आप बताएंगे ? उसने कहा प्रयास करूँगा, कि शेर हमें कुछ नहीं देता ना उसका दूध काम में आता है ना उसका मांस काम में लेते हैं फिर भी इतने प्रयास किया जाता है ।
भिखारी ने अंत में कहा, कि हमें सीख मिलती है कि शेर एक कदम पीछे लेता है पीछे हटने के लिए नहीं झपटा मारने के लिए लेता है सीख हर एक से नहीं मिलती है, मैं इसी सीख को लेकर यहाँ आया हूँ। और वही बात मेरे में हो चुकी क्योंकि मैं एक बहुत बड़ा बिजनेसमैन कोई कमी नहीं है पर मैंने किसी व्यक्ति को गलत कह दिया तो वह मेरे से नाराज हो गया तो मैंने यह भिखारी का भेस पहना है यानी एक एक कदम पीछे हटकर मैं उसे मनाने के लिए आया हूं। ताकि उसको आभास हो जाये की मेरे को मनाने इतना बड़ा बिजनेस मैन मेरी नाराज़गी में भिखारी बन गया ।
