सेनेटरी पेड
सेनेटरी पेड
शीलाजी अपने पति बसंत जी के साथ बाहर के बरामदे में बैठकर चाय पी रही थी। तब एक ऑनलाइन कंपनी से कुछ सामान आया, तो बेटे संकेत ने डिलीवरी ली।
शीला और बसंत जी ने जानना चाहा कि इस बॉक्स में क्या है ? तो बेटे ने जवाब दिया –माँ, इसमें सेनेटरी पेड हैं, मैंने ऑनलाइन मंगवाए हैं क्योंकि स्वाति पिछले कुछ महीनों से ज्यादा ब्लीडिंग से परेशान है। और कोरोना के कारण वो अभी हॉस्पिटल जाना अवॉइड कर रही है। इसलिए मैंने नेट पर हेवी ब्लीडिंग के लिये पेड सर्च करके उसके लिए ये मंगवाए हैं।
शीला अपने बेटे संकेत की बात सुनकर कुछ पल चुप सी रह गई। उन्होंने झिझक के कारण कुछ नहीं कहा। हालाँकि अपनी बहू की इस समस्या के बारे में उन्हें ज्ञात था और इसके लिये उन्होंने अपनी बहू स्वाति को कुछ घरेलू उपचार भी बताये थे। पर इस तरह उन्हें बेटे का सबके सामने अपनी पत्नी की माहवारी की चर्चा करना कुछ अजीब लगा। या यूं कहें अच्छा नहीं लगा क्योंकि माहवारी के विषय में परिवार के सामने बात करने को वो मर्यादा के विरुद्ध मानती थी।
उन्हें याद आया कि संकेत के जन्म के बाद जब माहवारी आई तब से उन्होंने स्वयं भी हर महीने अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या का सामना किया था। तब इसी मर्या
दा के चलते संकेत के पिता ने न चाहते हुए भी उनके रोग की उपेक्षा की थी। और उनकी सास ने उनके प्रति कोई संवेदना नहीं दिखाई थी। उस समय शीला जी इतना दर्द झेलती थी और रक्तस्राव इतना कि कभी कभी तो पैर से बहने लगता, हर दो घण्टे में कपड़ा बदलना पड़ता। और इसके कारण परिवार में आलोचना होती थी। उस तकलीफ को याद कर वो सिहर सी गई । उन्हें लगा वो स्वाति के साथ अपनी सास जैसा ही तो व्यवहार कर रही जबकि वो जानती है कि स्वाति भी उसी तकलीफ से गुजर रही। हमेशा वो हर काम तत्परता से करती है, पर कुछ महीनों से माहवारी के दूसरे और तीसरे दिन वो खड़े तक नहीं हो पाती और कभी कभी तो दाग भी लग जाता तो वो बहुत शर्मिंदा होती है। ऐसे में यदि उसका पति उसके लिए सोच रहा है तो यह अच्छी बात है।
आखिर हर पत्नी चाहती है कि उसका पति उसकी पीड़ा को समझे, कोई तकलीफ हो तो उसे दूर करने का प्रयास करे और साथ ही प्रेम और सम्मान दे।शीला को तसल्ली हुई कि उनके बेटे ने एक अच्छे पति का कर्तव्य निभाते हुए बहू की समस्या के समाधान पर विचार तो किया।
कुछ देर पहले जिस बेटे के सेनेटरी पेड मंगाने पर शीला को शर्म आ रही थी ,अब वो उसे सही रूप में शिक्षित और समझदार जानकर उस पर गर्व महसूस कर रही थी।