Preeti Tamrakar

Inspirational

2.6  

Preeti Tamrakar

Inspirational

मिशन फिटनेस

मिशन फिटनेस

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लगभग इक्कीस साल पहले एक छोटी सी दुकान से अखिल ने शुरुआत की थी, तब उनकी बेकरी में ब्रेड, केक, क्रीम रोल और डोनट के अलावा कुछ नहीं मिलता था। पर धीरे धीरे मेहनत, लगन, अच्छे व्यवहार और गुणवत्ता के बल पर वह स्वाद के शौकीनों के बीच पहचान बनाने में कामयाब हो गए और 3साल बाद अपने बेटे के पहले जन्मदिन पर उन्होंने मेन मार्केट में अपनी दुकान का विस्तार करते हुए उसे बेटे का नाम दिया –सक्षम बेकरी शॉप।

विभिन्न फ्लेवर के पिज़्ज़ा, बर्गर, क्रीमरोल, कई प्रकार के बिस्किट, नानखटाई, कुकीज़, केक और अनगिनत उत्पादों की विशेष उपलब्धता के कारण अखिल अपनी बेकरी शॉप को नई ऊंचाइयों तक ले गए।

     जीवन में कई उतार चढ़ाव भी आये, पर अखिल और उनकी पत्नी ज्योति ने हमेशा धैर्य और समझदारी से सबको पार कर लिया। सबसे खास बात यह कि वे हमेशा जमीन से जुड़े रहे।

       आज उनके बेटे सक्षम की 19 वीं और उनकी बेकरी शॉप की 18वीं वर्षगांठ है। सुबह सुबह जब ज्योति सक्षम के कमरे में गई तो वह कमरे में नहीं था। उसकी फोटो हटवाकर दूसरी फोटो लगवाई।

      फोटो लगाते हुए मुकेश बोला कि सक्षम बाबा बिलकुल हीरो जैसे लग रहे हैं। अपनी मेहनत और पक्के इरादों से उन्होंने खुद को बिलकुल बदल लिया।ज्योति ने मुस्कुराते हुए

सिर हिलाकर उसकी बात का समर्थन किया।

    मुकेश के जाने के बाद वो सोचने लगी कि सच ही तो है, अपने दृढ़ निश्चय की वजह से ही सक्षम इस लक्ष्य को पा सका है। सक्षम का वजन दो साल पहले 97 किलो तक पहुंच गया था।

      जब सक्षम 9th क्लास में था, तब उसकी आँखों के सामने उसके बेस्ट फ्रेंड की एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी, जिसके कारण वह डिप्रेशन में का शिकार हो गया था। तीन वर्षों तक डिप्रेशन की दवाइयों लेने के कारण उसका वजन बहुत बढ़ता गया, पहले तो उसकी मानसिक बीमारी के कारण ज्योति और अखिल का इस ओर ध्यान ही नहीं गया। जब तक वह सक्षम के बढ़ते मोटापे को समझे, तब तक उसका वजन 80किलो पार कर चुका था। वजन के इतना बढ़ने के बाद उसे नियंत्रित करना सरल नहीं होता, उस पर जब सक्षम जैसे खाने के शौकीन हो तो यह काम असम्भव सा था। प्रतिदिन अपनी मम्मी से स्नेक्स में समोसे, पिज़्ज़ा, सेन्डविच, कुकीज़, मिठाइयों की फरमाइशें करता, ज्योति मना भी करती पर अपने माँ के दिल को नहीं समझा पाती और नाराज होते हुए सब बनाकर देती। नतीजतन सक्षम का वजन और बढ़ता गया। ज्योति और अखिल के समझाने के बाद भी सक्षम अपने बढ़ते वजन के लिये लापरवाह था।

          दो साल पहले सक्षम जब अपनी बुआ की बेटी खुशी की शादी में गया तब उसे एहसास हुआ कि उसका मोटापा उसके उपहास का कारण बन चुका है। वहाँ उसे संगीत के प्रोग्राम में कोई ग्रुप में लेना नहीं चाहता था। फिर अपने चचेरे भाइयों के साथ जब उसने डांस किया तो सब दबे स्वर में उसकी हंसी उड़ा रहे थे।

         उस रात वो होटल की बालकनी में बैठकर ज्योति की गोदी में सिर रखे उसे रोना आ गया था। पहले भी दोस्त उसको मोटा बोलते थे पर इस तरह खुद का मजाक बनने पर उसका मनोबल टूट गया था।

         तब ज्योति ने उसे कहा कि अभी बहुत देर नहीं हुई। अभी भी अगर तुम चाहो तो अपनी सेहत, अपने व्यक्तित्व पर ध्यान देकर फिर से फिट हो सकते हो। मानती हूं यह आसान नहीं होगा, तुम्हें नियम से एक्सरसाइज करना होगी और सबसे बड़ी बात तुम्हें अपना सही डाइट प्लान करना होगा।दिक्कत होगी खान पान में परहेज करने में, पर हौसला रखो, हम साथ हैं ना।

       उदास होकर सक्षम ने कहा–मम्मी-पापा, आप जो बोलोगे मैं वैसे ही करूँगा, बस मैं फिट होना चाहता हूँ।

अखिल ने उसके कन्धे पर हाथ रखते हुए समझाया कि बिल्कुल होगे बेटा, लेकिन अभी खुद को सम्हालो और कल अपनी खुशी दीदी की शादी एन्जॉय करो। हम घर चलकर इस बारे में डिस्कस करेंगे।

       ओके पापा बोलते हुए आशा से भरकर वो उनके गले लग गया।

 अगला दिन खुशी की सगाई और शादी के उत्सव में कैसे बीत गया, पता नहीं चला, सुबह विदा हुई, उसके 2 घण्टे बाद अखिल भी सपरिवार अपने घर लौट गया।

   घर पहुंच कर सक्षम सुबह जल्दी ही जाग गया, कॉलेज के अंतिम सत्र के इम्तहान 10 दिन पूर्व ही समाप्त हुये थे। तो पढ़ाई से निश्चिंत था। नाश्ते में आलू के पराठे देखकर उसने कहा कि मैं सिर्फ एक ही लूंगा। आज से मेरा मिशन फिटनेस शुरू कर रहा हूँ, प्लीज आप ये ऑयली फ़ूड मत बनाना, मुझे डर है ये टेस्टी खुशबू मेरी तपस्या भंग न कर दे।

सुनकर ज्योति ने कहा कि अरे, कल से कर लेना, आज तो खा लो।

नहीं मॉम, प्लीज़। पापा आप कहते हैं न काल करे सो आज कर....तो बोलिये न माँ को, आप लोगों की हेल्प के बिना मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा, सक्षम की बात सुनकर अखिल बोले–

ज्योति, हमारा बेटा बिल्कुल सही कह रहा है। और बेटा एक बात और, कल से आप मोर्निंग वॉक भी शुरू करिये। पांच बजे रेडी रहना, अपन साथ ही चलेंगे।

ओके पिताश्री, आपका पुत्र मिशन फिटनेस के लिए आपके हर आदेश का पालन करेगा, आशीर्वाद दें –सक्षम में जब हाथ जोड़कर सिर झुकाते हुए स्टाइल से कहा तो अखिल ज्योति के साथ राधा और मुकेश को भी हंसी आ गई।

      अगली सुबह 5 बजे ज्योति बेटे को जगाने गई तो वह पहले ही जॉगिंग सूट और कानों में इयरफोन लगाए वॉक पर जाने के लिये रेडी था, ज्योति को देखकर उसने गुडमार्निंग मॉम कहा तो ज्योति ने मुस्कुराते हुए गुडमार्निंग कहा और उसके कान से इयरफोन निकालकर टेबल पर रख दिये, और कहा कि इनको यही छोड़कर जाओ और बाहर चिड़ियों की चहचहाहट सुनो। ज्योति की बात सुनकर सक्षम ने उन्हें हग किया और कहा ओके मॉम एज़ यू विश और अपने पापा को गुडमार्निंग विश करके उन के साथ निकल गया मिशन फिटनेस के लिए।

      प्रतिदिन वह मॉर्निंग वॉक पर जाता, एक्सरसाइज़ करता और ज्योति भी अब सबके लिये हेल्दी और कम कैलोरी का खाना बनाती। जब एक हफ्ते बाद वजन चेक किया तो 1 किलो कम था तो सक्षम का उत्साह बढ़ा। अखिल ने उसे एक साइकिल भी दिला दी अब तो वह फ़ास्ट साइकिलिंग भी करता। ज्योति सन्डे को मॉर्निंग ब्रेकफास्ट कुछ स्पेशल बनाती मतलब उस ब्रेकफ़ास्ट में वो लोग मिशन फिटनेस से छोटा सा ब्रेक लेते पर सिर्फ टेस्ट के लिए, ओवर ईटिंग न हो इसका ध्यान रखते। धीरे धीरे सकारात्मक परिणाम मिला और छह महीने बाद सक्षम का वजन 80 किलो हो गया। लेकिन अपने पापा और मॉम की बात मानते हुए उसने मॉर्निंग वॉक और साइकिलिंग को अपनी आदत बनाकर दिनचर्या का हिस्सा बना लिया।

            और इसके उसे बेहतर परिणाम मिले। और अंततः मिशन फिटनेस सक्सेसफुल रहा। उसके दोस्त भी उसके दृढ़ निश्चय से बहुत प्रभावित हुए।

       वहीं अखिल ने भी बेकरी में लो कैलोरी आइटम्स की नई शुरुआत की।

"भाभी खीर बन गई है बस यह बता दीजिये कि इसमें सुगर फ्री डालना है या शक्कर"– राधा की आवाज से ज्योति वर्तमान में लौट आई और बोली कि मैं आकर बताती हूँ। और बेटे की मन पसन्द की चीजें बनाने के लिए वह किचन की ओर चल दीं।



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