SAMEER AGRAWAL

Inspirational

5.0  

SAMEER AGRAWAL

Inspirational

"सबक"

"सबक"

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नीतू रोज की तरह स्कूल जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी, इतने में दो लड़के बाइक से जाते हुए सीटी बजा कर वहां से गुजरे। नीतू ने अनदेखा कर दिया और बस का इंतजार करने लगी।


 थोड़ी देर में बस आ गई और नीतू उसमें चढ़ गई। बस में भीड़ थी पर नीतू को एक सीट मिल गई और वो वहां बैठ गई। तभी दो लड़के आकर उस से बिल्कुल सटकर खड़े हो गए। नीतू ने उनको देखा ये दोनों वही लड़के थे जो सिटी बजाकर बस स्टॉप से गुजर रहे थे, वो थोड़ी अंदर की तरफ खसक गई दोनों लड़के भी थोड़ा और पास आ गए और नीतू के पैर को छूने लगे, नीतू ने अपने पैर अंदर कर लिए, एक ने अपना रुमाल नीचे गिराया और उसे उठाने का नाटक करते हुए नीतू के पैर को अपने हाथ से छुआ नीतू घबरा गई और इधर-उधर देखने लगी उसकी इस परेशानी को दूसरी लड़की देख रही थी उसने उन लड़कों को वहां से हटने को कहा और खुद वहां खड़ी हो गई। बस में भीड़ होते हुए भी वो दोनों अपने आप को अकेला महसूस कर रही थी इतने में नीतू का स्कूल आ गया और वो उतर गई। 


 दिन भर स्कूल में नीतू बस में हुई घटना से परेशान थी, पढ़ाई में मन भी नहीं लग रहा था। शाम को जब नीतू की स्कूल छूटी तो वापस आते हुए उसने देखा वही दो लड़के बस में किसी दूसरी लड़की के साथ बदतमीजी कर रहे थे। नीतू को देखते ही उनमें से एक बोला "ले तेरी भाभी आ गयी मैं उसके पास जाता हूं" और वो नीतू के पास आकर खड़ा होकर गंदे कमेंट करने लगा। नीतू बस रुकवा कर उतर गई फिर उसने शेयर रिक्शा किया और घर जाने के लिए निकल गई। रिक्शे में भी वही हाल था, एक अधेड़ उम्र का आदमी नीतू के बाजू वाली सीट पर थे। नीतू के बैठते ही वो अपनी हाथ की कोहनी से नीतू को छूने लगे नीतू परेशान हो गई, जैसे-जैसे नीतू घर पहुंची पर दिन भर की हरकतों से वो बहुत परेशान थी।


इसी तरह कुछ दिन और निकल गए। अब नीतू के साथ दो लड़कियाँ और थी। लड़कों ने रोज तीनों को परेशान करना शुरू कर दिया तो तीनों ने मिलकर रिक्शा से जाना शुरु किया पर वहां भी वो लोग पीछा करते थे। हार कर तीनों लोकल पुलिस स्टेशन गए वहां पुलिस ने रिपोर्ट लिखने के लिए आईडी और एड्रेस प्रूफ देने को कहा पर तीनों परिवार वालों के साथ अपनी परेशानी शेयर करना नहीं चाहते थे क्योंकि उन्हें डर था कि परिवार वाले उनको स्कूल, कॉलेज, ऑफ़िस ही नहीं उनका घर से निकलना भी बंद करवा देंगे। इसलिए बिना रिपोर्ट लिखाए तीनों अपने घर चले गए।

नीतू के घर पहुंचते ही नीतू की माँ (नीलिमा)बोली "नीतू चल जल्दी से हाथ धोकर खाना खाने बैठ जा।" पर नीतू का ध्यान माँ की बातों में नहीं था। नीलिमा ने दोबारा आवाज़ लगाई पर उसका ध्यान अब भी आज की घटना में था। नीलिमा ने नीतू के चेहरे पर परेशानी के भाव देखकर उसके पास जाकर उसको झिंझाेड़ा ताे नीतू डर कर चीख पड़ी और रो पड़ी। नीलिमा ने प्यार से नीतू को गले लगा कर उसकी परेशानी का कारण पूछा तो नीतू ने उनको पूरी बात बताई नीतू की बात सुनते ही नीलिमा माथा पकड़ कर बैठ गई। 


अब नीलिमा के सामने उनकी पुरानी यादें फिर ताजा होने लगी उनको याद आया किस तरह मॉल में एक लड़का उनके पीछे पड़ा था। उसने उनको दोस्तों के साथ मिलकर किडनैप तक करने का प्लान बना लिया था। वह तो आखिरी समय पर पुलिस आ गई थी इसलिए वो बच गई थी। उसके बाद भी लड़कों ने उनका जीना दूभर कर दिया था तब नीलिमा के पापा ने अपना ट्रांसफर लेकर वे लोग इंदौर आ गए थे तो उनसे पीछा छूटा था नीलिमा ने सोचा अब सवाल उसकी बेटी का है। उसके साथ कुछ! नहीं नहीं ....मुझे कुछ करना ही पड़ेगा। नीतू की माँ ने सारी बात अंकुश (नीतू के पापा) को बताई। अंकुश भी रोज-रोज औरतों के साथ होने वाली घटनाओं से वाक़िफ़ था। नीतू के बारे में सुनकर वो और परेशान हो गया। अंकुश के दिमाग में तुरंत किसी के लिखे हुए विचार दिमाग में घूम गए थे "अपराध इसलिए नहीं बढ़ते कि अपराध करने वाले ज्यादा हैं बल्कि इसलिए बढ़ते हैं क्योंकि अपराध सहन करने वाले ज्यादा है।"


अंकुश ने उन लड़कों को सबक सिखाने के लिए प्लान बनाकर नीलिमा और नीतू को समझाया और लोकल पुलिस स्टेशन फोन करके मदद मांगी। दूसरे दिन अंकुश, नीलिमा और नीतू थोड़ी थोड़ी दूर पर बस स्टैंड पर बस का इंतजार करने लगे। नीतू ने पहले ही दूसरी दोनों लड़कियों को फोन पर पूरा प्लान समझा दिया और वो भी बस स्टॉप पर बस का इंतजार करने लगीं। थोड़ी देर में बस आ गई, नीतू के पीछे पीछे अंकुश नीलिमा और सादी वर्दी में लोकल पुलिस वाले बस में चढ़ गए। नीतू ने देखा वो लड़के भी बस में थे पर आज नीतू के चेहरे पर घबराहट नहीं थी। इतने में एक लड़का नीतू के पास आकर नीतू के कंधे पर हाथ रख दिया। नीतू बोली "ये क्या बदतमीजी है ? आप रोज रोज क्यों मुझे परेशान करते हो ? आप की कोई माँ बहन नहीं है क्या ?"


पूरी बस में आज भी भीड़ थी पर कोई कुछ नहीं बोल रहा था, बस में किसी को कुछ बोलते नहीं देख लड़का आगे आया और उसने नीतू का हाथ पकड़ कर बोला "ले पकड़ लिया तेरा हाथ क्या कर लेगी तू बोल" नीतू ने तुरंत उसके गाल पर एक थप्पड़ मारा, इतने में दूसरी दो लड़कियाँ भी नीतू के साथ उस लड़के को मारने लगी तभी दोनों लड़कों ने जेब से चाकू निकाल लिया। पूरी बस में सन्नाटा था, बस रुक गई तो एक लड़का बोला "ए ड्राइवर बस मत रोकना।"


इतने में अंकुश जो वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था आया और उसने लड़कों को मारना शुरू कर दिया नीलिमा भी लड़कों को मारने लगी और पुलिस वालों ने दोनों के हाथों में हथकड़ी डाल दी। अब अंकुश ने रिकॉर्ड किए हुए वीडियो को ऑनलाइन वायरल कर दिया। थोड़ी देर में पूरी मीडिया वहां पहुंच गई। सबने नीतू की बहुत तारीफ की और कोर्ट ने उन बदमाश लड़कों को उनके अपराध के लिए सजा सुनाई।



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