रिश्ता वही,सोच नई# रक्षाबंधन
रिश्ता वही,सोच नई# रक्षाबंधन


रक्षाबंधन का वो पर्व जो भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी का धागा इस आशा और विश्वास के साथ बांधती है कि उसका भाई किसी भी परेशानी में और जीवन के हर मोड़ पर सहायता करेगा और हर भाई भी एक ज़िम्मेदार व्यक्ति होने के नाते अपनी हर बहन को यह वचन देता है और अपनी बहन से यह उम्मीद करता है की वह अपने जीवन के हर राज में उसे शामिल करेगी। लेकिन आज के दौर में सामाजिक बुराइयां इतनी बढ़ गई हैं कि हर भाई और बहन परेशान है और इसके लिए हम ही ज़िम्मेदार हैं क्योंकि कभी - कभी समाज के डर से लड़कियाँ अपने भाइयों से बातें छिपाती हैं साथ ही कुछ भाई जो मान- सम्मान अपनी बहनों को देते है वह दूसरी लड़कियों को नहीं। अतः इस राखी मेरा यही निवेदन है कि हर भाई राखी बंधवाते समय उस बहन में देश की सभी बहनों की छवि देखें और हर बहन अपने भाई में देश के सभी भाइयों की छवि देखें जिससे वह किसी भी समय अपने किसी भी भाई से सहायता मांग सके तो शायद ऐसा करके हम समाज में लड़कियों पर होने वाले अत्याचारों का डर समाप्त कर सकेंगे और हर भाई भी अपनी बहन के लिए परेशान ना होगा क्योंकि रक्षाबंधन अर्थात रक्षासूत्र किसी एक को नहीं बल्कि सभी भाई- बहनों को एक सूत्र में बांधने का पवित्र पर्व है।