रास्ता बना लेंगे
रास्ता बना लेंगे


काबिल बनूं तेरे में
तू पहाड़ है जरूर पर हम भी
छेनी हथौड़ी है, तोड़कर रास्ता बना लेंगे
निशांक एक बहुत काबिल लड़का है, वह अपने आने वाले एग्जाम की तैयारी में इस तरह रात दिन एक कर दिया है जिससे उसको खबर ही नहीं रहती की कब सोना है और कब उठना है ।
सात महीनों के बाद उसके एग्जाम्स शुरू हुए, एग्जामस की तैयारी अच्छे से करने के बाद उसे खुद पर आत्मविश्वास भी दिख रहा था। पिछली बार अपने एग्जाम में फेल हो जाने के कारण काफी समय तक खुद को पता नहीं किस दुनिया में डाल दिया। कि दिनों तक इस सदमे से बाहर भी न आ पाया की वह फेल हो गया जबकि उसने पिछली बार भी उतनी ही मेहनत की थी
वह इस बात से हमेशा उदास रहता फिर एक दिन वह कहीं किसी चाय की दुकान पर बैठा था। अपने दोस्त की बाते सुनते सुनते अचानक उसकी नजर टेबल पर रखे अखबार पर पड़ी । उस अखबार को वह ध्यान से पढ़ने लगा। पढ़ने के बाद ओर अचानक ही उसकी आँखों में एक रोशनी की किरण जाग उठी और एक मजबूत मन बनाकर उसने सोचा कि चलो एक बार वापस से अपनी मेहनत को रंग दे। और घर आकर वापस से अपने कमरे में जाकर के वो सारी बुक्स निकल दी और फिर से धीरे धीरे उन पर केंद्रित होने लगा ।
कुछ दिनों बाद निशांक का रिजल्ट आया तो वह बहुत ख़ुश हो गया, ये खुशी पाकर मानो वो तो सातवें आसमान का राजा बन गया ।
Upsc में 2 नम्बर पर आने की खुशी में उसने उस अखबार की कहानी को धन्यवाद दिया, जिसमें उसी के जैसे एक ग्रामीण अंचल की लड़की माफिया ने upsc में अच्छी रैंक प्राप्त की थी ।
( दोस्तों यह कहानी थोड़ी सी सरल है और पूरी काल्पनिक है)