पति का बटुआ
पति का बटुआ
जब मैं छोटी थी अक्सर देखा करती थी मां पापा के बटुआ से पैसा निकालती थी जब भी पैसे का काम लगता था।
धीरे धीरे मैं बड़ी हो गई और मेरी शादी हो गई, एक दिन मुझे पैसों की जरुरत लगी मैंने भी इनके बटुए से पैसे निकाल लिया पर मुझे उस दिन थोड़ा अजीब लगा, मैंने अपने पति से बात की,और कहा मैं भी आत्मनिर्भर होना चाहती हूं मैं अपने पति के बटुए से नहीं मैं अपने बटुए से पैसे निकाल कर खर्च करना चाहती हूं।
तब मेरे पति ने हंसते हुए कहा ये तो बहुत अच्छी बात है, मुझे इसमें कोई आपत्ती नही है, तुम जैसा चाहो वैसा करो, मैंने अपने पति को गले से लगा कर बोली धन्यवाद और निकल पड़ी।
