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RAUNAK JHA

Inspirational

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RAUNAK JHA

Inspirational

परिश्रम

परिश्रम

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वो शाम कुछ अजीब थी।

किसीने क्या खूब लिखा है। ऐसे गीतों से कभी-कभी हमें एक अपनापन लगने लगता है। हमारी जिंदगी में कोई समय ऐसा आता है जिसमें हम लोग अपने रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में सोचने लगते हैं। ऐसे समय में हम सभी के मन में डर या घबराहट आ ही जाती है।

यह एक साल पहले की बात है। फरवरी का महीना था। मेरा एक मित्र है अमन, यह घटना उसके जीवन से जुड़ी है। किसीने कभी सोचा न होगा की हम सभी के जीवन में एक ऐसा समय आएगा जब हमलोग अपने प्रिय जनो से मिल भी नहीं पाएंगे। आज हम लोग सिर्फ एक दूजे से वीडियो कॉल के जरिये बातें कर पाते हैं। कोरोना की महामीरी की वजह से हम सभी के जीवन में कुछ न कुछ परेशानी जरूर आयी है। मगर ये हमें निर्णय लेना होगा की हम लोग अपनी परेशानी को कैसे दूर करते हैं।

इस महामारी के बीच मेरा मित्र अमन भी एक परेशानी से जूझ रहा था। वह कई दिनों से अपने आप को बांसुरी सिखाने की कोशिश में लगा हुआ था, लेकिन वह बार - बार विफल हो रहा था। मगर उसने एक दिन निर्णय लिया की वह यह काम करके ही रहेगा। इस वजह से वह एक दिन शाम को बैठ कर यह सोचने लगा की अगले दिन का पूरा कार्यक्रम कैसे रखा जाए। वह यह सोचने लगा की अगर वह चाहे तो अपने आप को सफल बना सकता है किसी भी कार्य में। लेकिन इसके लिए उसे प्रत्येक दिन कुछ ऐसा करना होगा जिससे की उसका मन भी लगा रहे काम में और थोरी सी परेशानी के साथ वह अपने नयी दिनचर्या को सफल भी बना सके। इसलिए उसने अपने दिन के कार्यक्रम को कुछ इस तरीके से तैयार किया जिससे उसके रोज के काम भी न बिगड़ते थे जैसे की दफ्तर का काम और नयी चीजें भी करने के लिए उसके पास समय बच जाता था जैसे की बांसुरी सीखना। वह प्रत्येक दिन कुछ न कुछ नया जरूर करता था जैसे की वह रोज थोड़ी देर के लिए प्रिय जनो से बातें करता था , इसके साथ वह रोज दूरदर्शन पर कोई एक कार्यक्रम जरूर देखता था जो उसे लुभाती थी। ऐसा करते करते एक महीना बीत गया। वह प्रत्येक दिन शाम को दो घंटे के लिए बांसुरी बजाने का अभ्यास करता था जिसके कारण वह थोड़ा आत्म विश्वास महसूस कर रहा था। इस वजह से बांसुरी बजाने में वह काफी अच्छा भी हो गया था। इस तरह वह अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ने लगा।

आज पूरे एक साल के बाद उसने मुझे बताया की वह अच्छी बांसुरी बजाने लग गया है। इस तरह प्रत्येक दिन परिश्रम करते हुए वह आज बहुत खुश है की उसने अपने लक्ष्य को पा लिया है। लेकिन उसने यह भी कहा कि वह अपने इस आदत को जारी रखेगा ताकि वह आगे चल कर बहुत अच्छी बांसुरी बजा सके।


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