Pallavi PS

Drama

4.3  

Pallavi PS

Drama

प्रीत के रंग

प्रीत के रंग

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प्यार भी एक अलग ही चीज़ है ....

जिसमे दो लोग एक दूसरे से मिलने या देखने को प्यारी सी हरकतें करते हैं। हमदोनो का प्यार भी कुछ ऐसा ही हैं जिसमे हम चाहते हैं कि हमारा कोई भी त्योहार साथ हीं हो चाहे वो त्योहार हम दो पल के लिए हीं साथ क्यो न मनाये। हम हर कोशिश करते हैं कि हमदोंनो का हर पल-हर दिन खूबसूरत हो। हम चाहते हैं कि हमदोंनो अपने हर लम्हो को एक खूबसूरत सी यादों की माला में पिरोये जिसे हम जब कभी याद करे तो हमारी होंठो पर प्यारी सी मुस्कान आये। और देखो हमने ऐसी ही याद बनाई हैं जिससे हम याद करके अकसर मुस्कुराते है और मेरी तो आँखे भी भर आती है। क्योंकि मुझे तुमने मेरे सपने से ज्यादा प्यार दिया है,तुम्हारा प्यार वो है, जिसमे तुमने प्यार के साथ भरोसा ,सच्चाई और बहुत ही अनमोल सी यादें दी है। तुम हमेशा मेरी खुशियों को पूरा करने के लिए मेरे बुलाने से पहले मेरे सामने वो चीज़ लेकर आ जाते या आज भी मेरे सामने मेरे पास होते हो।

रंग सी सजी होली के वो दिन बड़े खूबसूरत होते हैं, ये वो दिन होते हैं जब लोग एक दूसरे के साथ रंग-बिरंगी होली खेलते हैं,उनदिनों हम दोनों भी ये दिमाग़ लगाया करते थे कि हमदोनो साथ मे कैसे होली मनाएँगे?वो पहली होली थी,

तुम्हारे साथ हर साल होली खेलने की मेरी चाहत होती थी। मेरा मन भी फ़िल्म की उन हीरोइन की तरह बातें सोचता था कि होली का पहला रंग मुझे तुम ही लगाओ हालांकि ये सिर्फ मेरा एक सपना था पर जब मैंने तुमसे अपने दिल की बातें बताई तो तुमने मेरे उस फिल्मी सपने को पूरी करने की हर कोशिश की,वो पहली होली जब तुम आये थे मेरे गली में मुझे देखने और मै छत पर थी,एक दूजे को देख के हीं हम खुश होगए थे। वो पल ऐसा पल था जिसमे तुम मुझे रंग तो नही लगा पाए पर रंगों वाली त्योहार के दिन अपने चेहरे का दीदार करवा कर मेरे वो शाम तुमने हज़ार रंगों से भर दिए थे।

पर तुम वो मेरी फिल्मी सपने को भूले नही थे,पाँच सालो के बाद तुम बिन मेरी इल्तज़ा के मेरे सामने आए मुझे अपने प्यार का पहला रंग लगाने वो भी होली से एक दिन पहले तो तुम्हे देख मेरा मन मोर से नाचने लगा था दिल मे मानो वो होली वाले गाने भी बज रहे थे। और जब तुम अपने हाथों से मुझे रंग लगाए तो मेरे चेहरे पर अलग ही नूर था,खुशी से मेरी आँखें भर आयी थी,तुम्हारा भी एहसास वही था जो मैं एहसास कर रही थी,और उस दिन तो हालात की किसको फिक्र थी खुशी से तुमने भी मुझे अपने गले से लगा ही लिया था। मेरी वो होली ज़िन्दगी की सबसे खूबसूरत होली होने वाली थी क्योंकि इस होली में मुझे पहला रंग तुमने लगाया था। इतना ही नही बल्कि उस साल तो हमदोंनो होली के दिन भी मिले थे तुम वो हल्के गुलाबी रंग का कुर्ता पहन कर ,कला चश्मा लगाकर बाइक से आये थे बहुत ही ज्यादा स्मार्ट लग रहे थे,तुमने उस होली मुझे बेशक़ीमती तोहफा दिया था मेरी पीली कुर्ती को तुमने लाल रंग के गुलाल से रंग दिया और मेरा चेहर तो गुलाल के रंग से ज्यादा तुम्हारे प्यार के रंग से लाल होगया था, तुम्हारे हाथ का स्पर्श होते ही मैं रंगीन होगयी थी,जबकि तुमने रंग तो सिर्फ मेरे चेहरे पर लगाया था पर तुम्हारे स्पर्श के एहसास से मैं पूरी रंग गयी थी। हमदोंनो के खुशी का कोई ठिकाना ही नही था। तुम मुझमें और मैं तुम में पूरी तरह से रंग गये थे। तुम्हारे प्यार के रंगों से मेरी पूरी ज़िंदगी रंगीन होगयी थी। तुमने उस होली के शाम को मेरे ज़िन्दगी की पहली सबसे रंग -बिरंगी होली का तोहफा दिया।

उस दिन मुझे ये एहसास हो गया कि रंगों की होली से खेलने के लिए हज़ार प्रकार के रंगों की जरूरत नहीं बस ज़िन्दगी में एक प्यार का रंग होना चाहिए। एक प्यार का रंग हज़ार रंगों के बराबर होता हैं, प्यार अगर साथ हो तो हर रंग आपकी ज़िंदगी मे भरी होती है।

प्यार से गहरा रंग और किसी रंग का नहीं होता, प्यार के रंग की गहराई कभी हम पर से नहीं उतरता और वो रंग ताउम्र हमारी पूरी ज़िंदगी को रंगीन बना देता है।


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