Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Tragedy

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Tragedy

पढ़े लिखे का होत

पढ़े लिखे का होत

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समाज मे गिरते नैतिक मूल्यों को दर्शाती यह लघुकथा सामाजिक मानसिक स्तर के विकृति युवा सोच को स्पष्ट करती है।

एक दिन मैँ अपने गांव गया था मेरा गाँव भौगोलिक दृष्टिकोण से किसी टापू से कम नही है तीन तरफ से छोटी गंडक से घिरा हुआ विकास से कोसो दूर है ।गांव में एक प्राइमरी स्कूल है मिडिल माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा के लिये दो से छः किलोमीटर दूर जाना पड़ता है ।गांव में पड़ने लिखने का नौजवानों में कम है।मैँ जब भी गांव जाता गांव के बच्चों को और किशोरों को शिक्षा के लिये प्रोत्साहित करता इस बार भी मैं कुछ बच्चों से उनके पढाई लिखाई के संबंध में सामान्य चर्चा कर रहा था कि उसी बीच मनोहर का लड़का करमु (करमचंद)जो दर्जा आठ का विद्यार्थी था मुहँ लटकाए हुए आया उसके आते ही पीछे पीछे उसके दोस्त रहीम, रियाज, शुभम ,सत्यम भी पीछे पीछे आ गए और सभी करमु के साथ आस पास खड़े होकर पूछने लगे "भाई करमु कहा थे तीन चार दिन से नज़र नही आ रहे थे क्या बात है।" करमु ने दुखी होकर बोला "का बताई स्कूल जाए खातिर बापू बहुत मारिन का करी हमार पढ़े में मन नाही लागत।" तभी करमु का के मित्र मंडली से रियाज बोला जेडत काहे न बताईस की पढ़े लिखे का होत है" कतमु बोला का बताईत रहीम बोला ते अपने बापू से बताते की जेडबापू हाजी मस्तान के नाम सुने है कै दर्जा पास रहा खालिस अंगूठा छाप बम्बई की गोदी में मजदूर रहा और एक दिन देश के सबसे अमीर आदमी बना और ताकतवर भी!" फिर रियाज ने बात बीच मे जोड़ते हुए बोला कि जेडएहूपर ना समझते तो बताते दाऊद इब्राहिम केतना पढ़े है दुनियां के अमीर और ताकतवर आदमी है।और सुन अब पढ़े वदे बोले त बताये की ओसामा के नाम सुने ह बहुत पढ़ा लिखा रहा का करिस खालिस धर्म के अंधा लोगन के इकठ्ठा करिके पूरे दुनिया के अपने इशारे पर नाचाएस और सुन अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के मजबूत किला ढाहे रहेन उ चारो बड़े इंजीनियर रहें मतलब समझे करमुबाबू के समझाऊ की अनपढ़ हाजी मस्तान कम पढ़ा लिखा दाऊद और बहुत पड़ा लिखा ओसामा बिन लादेन चार इंजीनियर सब एके काम करेन त पढ़ लिख के का होई।"हम करमु के मित्र मंडली की बात सुनकर हैरत में पड़ गए और सोच कर माथा पीटने लगे कि क्या होगा आने वाली पीढ़ी का जिनके कोमल मन मस्तिष्क पर नकारात्मकता की छाया इतनी गहरी है।मैँ अपना सर धुनता आज तक करमु के मित्र मंडली की मानसिकता की यदा कदा चर्चा करता भविष्य की भयंकर आशंकाओं से घिरा उत्तर खोजने की कोशिश आज तक कर रहा हूँ।।



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