Janhavi Mistry

Drama

4.3  

Janhavi Mistry

Drama

प्रेरणा

प्रेरणा

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Crime Investigation Department में एक मीटिंग चल रही है। वो लोग एक मिशन पर चर्चा चल रही है। इस मिशन में 4 कॉप्स शामिल है।

-ACP अभिमन्यु मिश्रा

- सीनियर इंस्पेक्टर अक्षय मेहरा

- सीनियर इंस्पेक्टर सिद्धांत कपूर

-जूनियर इंस्पेक्टर विवेक झा

ACP एकदम सीरियस होके बोल रहे है," हमारे एक ख़बरी के हिसाब से BRIDGE MUSIC ACADEMY जो न्यू दिल्ही में है, वहाँ आतंकवादियों की गैंग स्टूडेंट का वेश बनाके वहाँ ठहरी हुई है। हमारा एक की मक़सद है, उन लोगों का मक़सद जानना।

सिद्धांत ने कहा, " लेक़िन कैसे सर ?"

ACP ने कहा, " हम में से किसी को स्टूडेंट बनके वहाँ जाना पड़ेगा, जासूसी करने के लिए। "

विवेक ने कहा," बोहोत अच्छा प्लान है सर...।

ACP ने कहा, " लेकिन एक प्रॉब्लम है !"

सिद्धांत ने हैरानी से पूछा, " क्या प्रॉब्लम है, सर ?"

ACP ने कहा," हम सभी की उम्र 35 है। अगर हम में से कोई स्टूडेंट बनके गया तो, उनको शक़ हो जाएगा। जो मैं नहीं चाहता। अगर उनको हमारी चल की भनक भी लग गयी, तो वो कॉलेज के दूसरे बच्चों को नुकसान पहुँचा सकते हैं।"

विवेक ने निराश होकर कहा," तो अब क्या करे सर ?"

सिद्धांत ने कहा," सर......"

उसकी बात काटते हुए ACP गुस्से से कहा, " मुझे पता है कि तुम क्या कहना चाहते हो। सिद्धांत तुमको मैं आगे भी बता चुका हूँ, भूमि ईस मिशन में शामिल नहीं हो सकती। भूमि क्या कोई भी लड़की मुझे इस मिशन में नहीं चाहिए। आगे से कभी यह बात मुझे ब्यूरो में सुनाई नहीं देनी चाहिए । उसे बोलो तुम मेकअप आर्टिस्ट हो तो वही काम करो। ये लड़कियों के बस की बात नहीं है।

सिद्धांत उदास होकर बोला, " सॉरी सर, आगे से कभी ऐसी बात नहीं करूँगा।

ACP सिद्धांत से इतने नाराज़ थे क़ि आज उसे कुछ भला बुरा सूना ही देते । लेक़िन सही टाईम पर अक्षय ने बात संभाल ली।

अक्षय ने कहा, " सर, एक रास्ता है।"

ACP ने कहा," क्या ?"

अक्षय ने कहा, " सर, मेरे पड़ोस में एक लड़का रहता है। वो छोटा था तब उसके मम्मी पापा की मौत हो गयी थी। फ़िर उसका उछेर मेरे ही घर पे हुआ था। उसने मेरे पास से सारी ट्रेनिंग ली थी क्योंकि, उसे बोहत इंट्रेस्ट था CID में आने का। लेक़िन, उसके पापा का सपना था कि वो MUSICIAN बने।

लेक़िन सर, वो बोहोत माहिर हो गया है। वो ये मिशन के लिए एकदम क़ाबिल लड़का है और उसे Music में भी इंट्रेस्ट है तो सर मुझे लगता है कि......"

ACP ने पूछा, " अच्छा बताओ, इस लड़के की उम्र कितनी है और उसका नाम क्या है ?

अक्षय को लगा की ACP सर को उसकी बात में दिलचस्पी है। इसलिए उसने ख़ुश होकर कहा, " उसका नाम आयुष है और उसकी उम्र 21 साल है। छोटा है पर बड़ा बहादूर और होनहार लड़का है सर।

ACP ने कहा, " ठीक है,ठीक है, अच्छा ये तो आयुष से मिलने के बाद ही पता चलेगा। कल हम जाएँगे आयुष से मिलने। चलो तो कल मिलते है। Good night "

सब अपने अपने घर जा रहे थे तब सिद्धांत ने अक्षय से कहा, "थैंक यू यार, आज तो तूने बचा लिया वरना...."

अक्षय ने उसके कांधे पे हाथ रखके मुस्कुराते हुए कहा, "सच्चा दोस्त हूँ तेरा, इतना तो फ़र्ज़ बनता है मेरा....।"

"और हाँ, मुझसे बात करने में टाइम बर्बाद मत कर। भूमि तेरी राह देख रही होगी। जा जल्दी। "

सिद्धांत ने शरमाते हुए कहा, " हाँ, याद आया, चलो में चलता हूँ, bbye।

अक्षय मुस्कुराते हुए बोला, " bbye"

दूसरे दिन ब्यूरो में वापस मीटिंग शुरू हो गयी।

ACP ने कहा, "Good Morning to all.

तो आज हम आयुष से मिलना है, राईट अक्षय ?"

अक्षय ने कहा, " जी...सर"

ACP ने कहा," कहाँ है वो ?"

अक्षय ने कहा, " ब्यूरो के बाहर खड़ा है।"

ACP ने कहा, " तो बुलाओ उसे अंदर।"

अक्षय ने विवेक को आँखों से इशारा किआ। विवेक तुरंत बाहर जाकर आयुष को लेकर आया।

आयुष एकदम पतला सा लड़का था।

उसको देखकर ACP ने अक्षय के कानों में धीमे से कहा, " Are you sure Akshay, ये कर पायेगा ?"

अक्षय ने कहा,"Trust me sir, He is very talented. अगर आपको शक़ हो तो आझमा लीजिए इसको। एक मुकाबला करवा के देख लीजिए । "

सिद्धांत ने कहा, " आयुष, मेरे साथ मुकाबला करोगे ? "

आयुष ने कहा, " Ok sir, I'm ready sir."

ACP ने कहा, " रूको, सिद्धांत... तुम नहीं । विवेक मुकाबला करेगा आयुष के साथ । "

सिद्धांत ने कहा, " ठीक है सर । "

फ़िर विवेक और आयुष के बीच में जो मुकाबला होता है, वो आयुष जीत जाता है। उसे देखकर ACP काफ़ी ख़ुश हो जाते हैं और बोलते हैं, " आयुष, तुम इस मिशन का हिस्सा बन सकते हो। मगर वहाँ तुम्हें जासूसी करनी है और वह भी ख़तरनाक आतंकवादियों पे। इसलिए तुम्हें 6 महीने और ट्रेनिंग लेनी पड़ेगी । तुम्हें ट्रेनिंग हमारे ही 3 होनहार कॉप्स देंगे।

आयुष बोला, " जी सर। "

6 महीने तक आयुष की ट्रेनिंग चलती हैं। 6 महीने बाद फ़िर से मीटिंग होती है।"

ACP बोले," आयुष अब पूरी तरह से तैयार हो गया है इस मिशन के लिए। अब वहाँ तुम्हें वहाँ भेजने का और एडमिशन करवाने की जिन्मेदारी हमारी। "

 " विवेक और सिद्धांत, यह काम मैं तुम दोनों को सौंपता हूँ।"

विवेक और सिद्धांत ने कहा, "जी सर।"

आयुष का कॉलेज में एडमिशन हो जाता है और वो अपने मिशन पे लग जाता है।

अपनी जासूसी से उसे पता चलता है कि, कॉलेज में 4 आतंकवादी स्टूडेंट के वेष में यहाँ पढ़ रहे है। वो ये ख़बर मुंबई में C.I.D ब्यूरो तक पहुंचाता है।

अब बात कुछ ऐसी होती है कि, वो आतंकी देश के चार बड़े शहर मुंबई, दिल्ही, कोलकाता और चेन्नई में ख़तरनाक बॉम्ब के ज़रिए तबाह करन चाहते हैं। वो चार अलग अलग शहर में 15 अगस्त के दिन वो बॉम्ब रखेंगे, ऐसा उन लोगों का प्लान है।

वापस cid ब्यूरो में मीटिंग होती है। वो लोग यह तय करते है कि, चारों कॉप्स सिद्धांत, ACP, विवेक और अक्षय चारों अलग अलग शहर में जाएंगे और ये तबाही को रोकेंगे ।

ACP बोलते हैं, " आयुष, सच में बोहोत बहादूर और होनहार लड़का है। छोटी सी उम्र है, लेकिन सारी इंफॉर्मेशन और सारी बारीक़ी ख़बर उसने भेजी है। यहाँ तक की उन चारों की तस्वीरें और चारों शहर में कहाँ कहाँ और किस जगह पे बॉम्ब रखे जाएंगे ये भी उसने भेजा है । वाह, अक्षय क्या तालीम दी है तुमने।"

अक्षय ने कहा, " सर, मैंने तो सिर्फ तालीम दी है, जो बोहोत आसान है। उसमें जो जोश और जज़्बा है, ये उसका परिणाम है।"

ACP ने कहा," वो तो है।"

अक्षय एक रहस्यमयी मुस्कान देता है, जो सिद्धांत समझ जाता है। लेकिन, उसे अभी पूछना ठीक नहीं लगता, इसलिए वो चूप रहता है ।

चारों कॉप्स चार अलग अलग शहर में पहुँच जाते हैं, जो आयुष ने बताए थे । ACP मुंबई, सिद्धांत कोलकाता, अक्षय चेन्नई और विवेक दिल्ही जाता है।

बड़ी होशियारी और बहादुरी से प्लान के मुताबिक़ तीनों कॉप्स अपने शहर में तबाही रोकने में कामयाब हो जाते हैं ।

मगर, एक आतंकी जो दिल्ही में था, उसको भनक लग जाती हैं कि, C.I.D उसके पीछे पड़ी है। इसलिए वो अपनी जगह बदल देता है।

ये ख़बर का पता भी आयुष लगा लेता है। पर, जब वो विवेक को ख़बर दे रहा होता है तो वो आतंकी उसे देख लेता है। फ़िर, क्या ?? वो आयुष पे बंदूक़ हमला करता है। आयुष भी उसे सुरक्षा के लिए दी गयी बंदूक़ से होशियारी से उसका मुक़ाबला करता है। कॉलज में से सब लोग डरके भाग जाते हैं ।

जब विवेक वहाँ पहुँचता है तो उसे जली इमारत और एक लाश के सिवा कुछ नज़र नहीं आता। वो लाश आतंकी की होती है। जब वो आयुष को ढूँढता है तो उसके जले हुए कपड़े के अलावा कुछ नहीं मिलता।

आंखों में आँसू लिए वो ये बात ACP को बताता है और मुंबई जाने के लिए airpot जाता है। मुंबई के एयरपोट पे तीनों सीनियर कॉप्स उसका इंतज़ार किए खड़े होते हैं। वो वहाँ आकर सर ज़ुका के बोलता है," सॉरी सर, न तो में ये मिशन पूरा कर पाया और न ही आयुष को बचा पाया।"

ACP ने उसके कंधे पे हाथ रखके कहा, " It's ok विवेक, इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है।"

उतने में एक लड़की आती है । उसे देखके अक्षय के चेहरे पे मुस्कान आ जाती है। वो बोहोत खुश हो जाता है और आँखों के आँसू पोंछता है।

वो लड़की अक्षय से आकर कहती है, " Sir, Our Mission is Successfully completed."

अक्षय बोलता है, "Very Good Prerna, I'm proud of you."

वहाँ खड़ी किसीभी व्यक्ति को कुछ समझ नहीं आता है की आख़िर चल क्या रहा है।

अक्षय उनकी सारी उलझने हल करते हुए कहता है, " आप सब को यही लग रहा है न कि,ये लड़की क्या कह रही है??!! तो सुनिए।  इस लड़की का नाम प्रेरणा है जो अब तक हम सबके साथ इस मिशन आयुष बनके में शामिल थी।

मुझे पता था कि इतनी छोटी सी उम्र में इतना ख़तरनाक काम कर सके ऐसा लड़का काम समय में ढूँढना मुश्किल था। और मुझे ये भी पता था कि,ACP सर इस मिशन के लिए किसी लड़की को पसंद हरगिज़ नहीं करेंगे, क्योंकि आप इस जमाने में भी लड़का-लड़की में भेदभाव करते हो। इसलिए मुझे इतना बड़ा जूठ बोलना पड़ा। ये पूरी तरह से लड़का लगे ऐसे इसे तैयार करने का और मेकअप करने का काम भूमि ने किया था, जिसको आपने C.I.D में से निकाल दिया था, बेवजह। "

विवेक ने कहा, " लेकिन, मैं जब वहाँ देखने गया तो आयुष का ...मेरा मतलब इसका कपड़ा ही था, तो तुम बची कैसे??

प्रेरणा ने कहा, " जब वो मुझपे हमला कर रहा था,तब उसकी बंदूक़ की गोलियाँ ख़तम हो गयी। तब मैंने मेरी बंदूक़ में जो आख़िरी गोली बची थी, वो उसके एक पैर में मार दी।फ़िर मैंने अपने जैकेट से उसे जैसे तैसे बाँध दिया ताकि वो भाग न पाये। फिर जल्दी से दौड़कर कॉलज के गेट के बाहर आ गयी और रिमोट का बटन दबा दिया । कॉलेज में सब भाग ही गये थे,इसलिए किसीको नुक्शान नहीं हुआ। और हमारा तो प्लान ही था, आतंकियों को मौका -ऐ -वारदात पर ख़तम करने का। अगर मैं विवेक सर की राह देखती, तो वो हाथ से निकल जाता। इसलिए मुझे जो ठीक लगा वो किया।

ACP ने कहा, "तुमने जो किया,ठीक किया। प्रेरणा, बेटा, तुमने मेरी आँखें खोल दी। अब से मैं कभी नहीं कहूँगा कि, लड़कियाँ ये नहीं कर सकती । लड़कियाँ सबकुछ कर सकती हैं। प्रेरणा और भूमि दोनों कल से C.I.D Join कर सकती हैं। "

"प्रेरणा सबके लिए प्रेरणा बन गयी। " ACP प्रेरणा की ओर गर्व से देखकर बोलते हैं।

सिद्धांत को भी जवाब मिल गया कि, उस दिन अक्षय इतनी रहस्यमयी मुस्कान क्यों दे रहा था।

सिद्धांत को सोच में देखकर मुस्कुराकर ACP बोलते है, "सिद्धांत, कल भूमि को ब्यूरो ले। आना, समझे ?

सिद्धांत शरमाते हुए बोला, " जी सर।"


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