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Aagam Rahasya

Inspirational

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Aagam Rahasya

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प्रभामंडल क्या है?

प्रभामंडल क्या है?

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 प्रकाश और ऊर्जा का एक खास क्षेत्र होता है। दुनिया में प्रकाश है, क्योंकि कोई चीज एक खास गति से चलती है, जिसे हम प्रकाश की गति कहते हैं। अभी अगर मेरा हाथ प्रकाश की गति से चल सके, तो मेरा हाथ सिर्फ गति के कारण प्रकाश बन जाएगा। नादयोग का पूरा विज्ञान यही है । अगर आप एक ध्वनि को अपने भीतर एक खास स्थिति में धारण करके रख सकें, तो वह प्रकाश बन जाएगा। ध्वनि को ही नहीं, बल्कि किसी भी पदार्थ को प्रकाश बनाया जा सकता है। जब आप किसी चीज को जलाते हैं, तो वह या कम से कम उसका एक हिस्सा, प्रकाश बन जाता है। इसलिए इनसान भी प्रकाश और ऊर्जा का एक मिश्रण है। अगर कोई युवा स्वस्थ, सक्रिय व सामान्य जीवन जी रहा है, किसी नशीले पदार्थ का सेवन नहीं करता, जैसे मान लीजिए कोई बीस-बाईस साल का किसान, जो किसी बाहरी चीज को नहीं जानता, शराब, सिगरेट नहीं पीता, बस खेतों में काम करता है, शारीरिक तौर पर सक्रिय है और स्वास्थ्यर्द्धक भोजन करता है, तो उसका प्रकाश उसके चारों ओर लगभग अठारह इंच तक होगा। मगर उसकी ऊर्जा अठारह इंच तक हो, यह जरूरी नहीं है। अगर वह बहुत सेहतमंद है और आनंदपूर्वक अपना काम करता है, तो ऊर्जा ज्यादा से ज्यादा आधी या तीन-चौथाई इंच तक हो सकती है। ऊर्जा की परत बहुत कम होती है। ज्यादातर लोग इसके परे नहीं जा पाते, जब तक वे सचेतन रूप में इस संबंध में कुछ नहीं करते या बहुत अधिक उल्लासपूर्ण नहीं होते। अगर वायु पर उनका अधिकार अच्छा है, तो उनकी ऊर्जा बढ़ सकती है। ज्यादातर इंसानों में ऊर्जा की परत आधी इंच या उससे भी कम पतली होती है। प्रकाश  आ-जा सकता है। आज आप खुश हैं – प्रकाश आ गया, कल आप निराश हैं – प्रकाश बुझ गया। प्रकाश की प्रकृति यही है। वोल्टेज बढ़ता है – कम होता है। ऊर्जा ऐसी चीज है जिसे आपको बनाना पड़ता है। आज बादल नहीं हैं। ढेर सारी रोशनी होगी, कल बादल होंगे। प्रकाश नदारद। सूर्य की प्रकृति भी यही है, आप इसमें कुछ नहीं कर सकते। प्रकाश का इतना बड़ा भंडार होने के बावजूद ऐसा होता है। तो प्रकाश की प्रकृति यही है। अगर कोई स्वस्थ और स्वच्छ जीवन जी रहा हो, तो प्रकाश आएगा, वरना वह कम हो जाएगा। हां, ऊर्जा आपको निर्मित करनी पड़ती है। अगर प्रभामंडल में ऊर्जा की परत काफी मोटी या घनी है, तो आपको प्रकाश के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है, प्रकाश वहां पर होगा ही, वह बहुत महत्त्पूर्ण नहीं है। योग में प्रभामंडल नहीं ऊर्जा मंडल पर ध्यान दिया जता है। जिस तरह ग्रहों का एक बाहरी वातावरण होता है, उसी तरह हमारे शरीर का भी अपना एक वातावरण होता है। उसके ऊर्जा वाले हिस्से को तैयार करने, मजबूत और स्थिर बनाने के लिए हमें मेहनत करनी पड़ती है। प्रकाश को कोई भी उत्पन्न कर सकता है, वह महत्त्वपूर्ण नहीं है। योग में कभी प्रभामंडल पर ध्यान नहीं दिया जाता। कुछ लोग होते हैं, जिनको हमेशा प्रभामंडल में दिलचस्पी होती है। वह अपने प्रभामंडल को निखारने की इच्छा रखते हैं। आप एक परिणाम या प्रभाव को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं। मूल कारण पर ध्यान दीजिए, उसमें थोड़ा लंबा समय लग सकता है, मगर वह हमेशा के लिए होता है और अच्छा होता है। आप या तो अच्छी त्वचा पाने के लिए मेहनत कर सकते हैं या उस पर मेकअप की परत चढ़ा सकते हैं। एक अच्छा शरीर पाने के लिए या तो मेहनत कर लीजिए या आपका टेलर आपको दुबला दिखने में मदद कर सकता है। अगर आप ठीक दिखने का काम अपने टेलर को देते हैं, तो आप जानते हैं कि उन कपड़ों को उतारने के बाद, आप फिर से वैसे ही दिखने लगते हैं। प्राण शक्ति पर काम करने से प्रभामंडल खुद निखर जाएगा। इसलिए अपने प्रभामंडल को बेहतर बनाने की कोशिश करने के बजाय अगर आप अपनी प्राण शक्ति पर काम करते हैं, तो प्रभामंडल खुद ब खुद निखर आएगा। प्रभामंडल के ऊर्जा वाले हिस्से को मजबूत करना, आपको दुनिया में एक खास सुरक्षा कवच प्रदान करता है, क्योंकि अगर आप हर तरह के लोगों और हर तरह की स्थिति से  सफलतापूर्वक गुजरना चाहते हैं और आपके पास पर्याप्त सुरक्षा नहीं है, तो आप दुनिया में ज्यादातर स्थितियों से बचना चाहेंगे। जब आपके पास पर्याप्त सुरक्षा होगी, तभी आप किसी भी चीज में कूदकर साफ बाहर निकल आएंगे। इसलिए हमारे चारों ओर ऊर्जा की एक खास परत का होना बहुत महत्वपूर्ण है।


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