ओह्ह शिट !
ओह्ह शिट !
भावना अक्सर समीर को छुप-छुप के देखा करती थी, समीर यूँ तो भावना का college friend है, पर भावना को उसपे क्रश भी बहुत है, वो भी तब से जब दोनों स्कूल में थे,वही भावना का भाई, वरुण भी एक लड़की को चाहता है, भावना को वो लड़की बिलकुल पसंद नहीं, क्यूंकि जब भी, भाई के पास जाती तो वो अपनी फ्रेंड प्रीती के साथ ही Busy होता, अपने फ़ोन पर!
वो बस, प्रीती प्रीती करता रहता ! हालांकि वो दोनों भी सिर्फ फ्रेंड्स ही है ,पर वरुण भावना को, ना घूमने ले जाता, ना अब कुछ खरीद के देता, और तो और, बातें भी कम हो गई थी, भाई बहन की, इन दूरियों की वजह भावना को वो प्रीति ही लगती थी।
एक दिन भावना ने मौका देख वरुण के फ़ोन से प्रीति को ब्लॉक कर दिया, वरुण ने ध्यान नहीं दिया फ़ोन पे, और कॉलेज जा के प्रीति से बात करने गया।
वरुण: Hi प्रीति, how are you dear,
पर प्रीति ने मुँह फेर लिया,
वरुण: अरे सुनो ऐसे क्यों जा रही हो,?
और वरुण ने प्रीति को रोक के पूछा,
बताओ तो यार, क्या बात है!
प्रीति: तुम्हें क्या, तुमने तो मुझे block कर रखा है ! और calls भी reject कर रहे हो। वरुण: नहीं प्रीति मैं ऐसा नहीं कर सकता, देखो मेरे फ़ोन में ! और जैसे phone देखा तो प्रीति block थी और call भी reject list में थी। वरुण हैरान था, और प्रीति वरुण को गुस्से में देख बोली,
देख लिया ना?
अब बोलो कुछ। वरुण उदास स्वर में बोला, मुझे नहीं पता ये कैसे हुआ ! और कैसे यकीन दिलाऊँ की मैंने block नहीं किया तुम्हें, please मेरी दोस्ती पर थोड़ा तो trust करो, प्रीति: मुझे class के लिए देर हो रही है!
और ये कह के चली चली गई, वरुण शाम को घर आते ही भावना को ढूंढ़ने लगा, भावना... भावना... कहाँ हो...
"यहाँ हूँ भाई ऊपर छत पर" भावना ने जवाब दिया, वरुण ऊपर जाके सीधे सवाल करने लगा, बता तुमने क्यों block किया प्रीति को, मेरे phone से?? मुझे मालूम है ये तुम्हारा ही काम है। और कौन लगाएगा मेरे phone को हाथ, भावना बस चुप खड़ी रही और वरुण बोले जा रहा था, तुम्हारी वजह से प्रीति नाराज़ हो गई है मुझसे, ना जाने क्या क्या कह गया वरुण भावना को। अब भावना ने भी जवाब दे दिया, भावना : भाई वो अच्छी लड़की नहीं है देखो आज तुम उसके लिए मुझे डांट रहे हो, मेरे लिए तो तुम सबसे लडते थे आज तुम अपनी बहन को इतना कुछ सुना रहे हो ! उस लड़की के लिए। वरुण: उसने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है जो तुम इतनी नफरत करती हो उस बेचारी से। भावना: वाह अब वो बेचारी हो गई, उसने मेरा भाई छीन लिया मुझसे और तुम पूछते हो की क्या बिगाड़ा है। वरुण: तुमसे तो बात करना ही बेकार है, एक तो गलती करती हो और ऊपर से दूसरों को दोष देती हो, बात मत करना मुझसे अब। ये कह के वरुण वहां से चला गया। भावना को अब और गुस्सा आ रहा प्रीति पर, सोचने लगी की कैसे अपने भाई से दूर करूँ उस प्रीति को, सोचते-सोचते एक खयाल आया की क्यों ना मैं अपने friend समीर से help लूँ, वो हमेशा मेरी help करता है और समीर का खयाल भावना के चेहरे पे मुस्कान ले आया।
भावना ने उसी Time फ़ोन किया समीर को Hi समीर कैसे हो?।
समीर: Perfect Dear तुम कैसी हो?
भावना :समीर तुमसे रखा Favor चाहिए
समीर: तुम Order दो Dear।
भावना :यार वो प्रीति है न, वो कुछ ज्यादा ही चिपक रही है भाई से, और भाई को मुझसे दूर कर रही है! उसकी वजह से आज डांटा भी भाई ने मुझे,
समीर :ओह्ह ! मैं क्या हेल्प कर सकता हूँ इसमें बताओ डिअर,
भावना :मुझे नहीं पता, तुम करो पर कुछ
समीर :ओके ओके, सोचता हूँ मैं। !
दो दिन बाद समीर की कॉल देख के भावना का चेहरा खिल जाता है,
भावना :हैल्लो। ही समीर।।
समीर :यार बात नहीं हो पाई कॉलेज में प्रीति से, भावना :ओह नंबर सेंड करती हूँ फिर,
और बताओ क्या कर रहे हो।।।
भावना समीर को प्रीति का नंबर सेंड कर देती है इस उम्मीद से की वो उसे समझायेगा -डरायेगा आखिर पूरे कॉलेज में समीर की ही तो चलती है! कुछ दिन बाद वो अपने भाई को उदास बैठा देखती है, भावना उसके पास जा कर बैठ जाती है, और कारण जानने की कोशिश करती है।
भावना :क्या हुआ भाई,?
वरुण :कुछ नहीं तू जा यहां से, भावना मन ही मन सोचती है की पक्का प्रीति के साथ कुछ हुआ होगा, समीर ने उसे अच्छे से समझाया होगा, और वो मन से खुश और बाहर उदास होने का नाटक करती है,
भावना : देखो भाई मुझसे तुम्हारा ये उदास चेहरा नहीं देखा जाता, प्लीज बताओ क्या हुआ है, वरुण: वो प्रीति, सॉरी मुझसे नी होगा, तू खुद ही देख ले, और वरुण अपना फ़ोन भावना को थमा देता है, भावना फ़ोन में देखती है, फेसबुक पे प्रीति का स्टेटस, रिलेशनशिप विथ, भावना :अरे वाह,
नहीं नहीं ये क्या रिलेशनशिप विथ समीर, ओह्ह शिट !
