नजरिया
नजरिया
"वाह,अनुराधाजी बहुत-बहुत बधाई, आप का एल्बम तो सुपरहिट हो गया है, पूरे मार्केट में तहलका मच गया है।" अनुराधा के एल्बम की सक्सेस पार्टी में आए हुए सभी मेहमान उससे यही कह रहे थे। बबलू पार्टी में मेहमानों को जूस सर्व कर रहा था, तभी सेक्रेटरी ने उसे आवाज दी "बबलू, किचन में से थोड़ी प्लेटें और लगवा दो।"
किचन में जाते हुए बबलू बीते दिनों की याद में खो गया। बबलू घर में ड्राइवर का, माली का और अन्य कई काम करता था। कमला किचन का काम देखती थी,उसको आए हुए कुछ दिन हो गए थे। एक दिन बबलू मैडम को बाहर से कहीं से लेकर आया था। कमला बरामदे में झाड़ू लगा रही थी और कोई लोकगीत गुनगुना रही थी। उसका गीत सुनकर मैडम ने उसे बुलाया और कहा कि यह तो बड़ा सुंदर गाना है मुझे पूरा सुनाओ। अनुराधा ने उससे दो-तीन गाने और सुने। अनुराधा ने उन्ही गानों में कुछ नई धुन मिलाकर एल्बम बनाया और एल्बम सुपरहिट हो गया। उसी की पार्टी थी।
तभी बबलू के कानों में कमला की आवाज पड़ी "अरे, बबलू भैया, क्या चाहिए ?" बबलू ने कहा, "थोड़ी प्लेटे और चाहिए।" कमला बोली, "अभी धो कर देती हूं।"
कमला प्लेटे धो रही थी, बबलू ने प्लेटों को पोछते हुए कमला से पूछा, "तुम्हें बुरा नहीं लगता कि यह तुम्हारे गाने थे और आज सारी शोहरत मैडम जी को मिल रही है।"
कमला बोली, "नहीं तो, उल्टा मैडम जी का आभार कि उनकी वजह से ही हमारे गांव के लोकगीत इतने प्रसिद्ध हो गए हैं वरना तो कोई नहीं जानता भी नहीं था।"