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Ankit Bhatt

Tragedy Fantasy Inspirational

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Ankit Bhatt

Tragedy Fantasy Inspirational

निर्माण

निर्माण

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दिसंबर के महीने की खिलखिलाती धूप, कहीं-कहीं बादलों की सफेदी से घिरा नीला आसमान और उसमें असंख्य कबूतरों का एक झुंड, ऐसा नजारा था उस एक सुबह का। आंगन में बैठे-बैठे धूप सेंकते हुए जब मैंने उन कबूतरों के झुंड को देखा तो मेरा मन उनमें ही रम सा गया, मैं उनकी सारी गतिविधियों को ध्यान से देखने लगा। 

उन कबूतरों को समेट कर चल रहा था शायद झुंड का सबसे बुजुर्ग और अनुभवी कबूतर, जिसके पीछे बाकी कबूतर त्रिभुज के आकार में उसके दिखाए मार्ग पर बिना किसी शक या सवाल चले जा रहे थे।

उस शांत सी उड़ान में कुछ देर बाद एक हलचल सी हुई जब पूरा झुंड पूर्व से आते हुए दक्षिण की तरफ मुखिया के पीछे-पीछे जा रहा था। इसी बीच एक कबूतर बाकी साथियों से अलग होकर उत्तर की ओर चल पड़ा और उसे प्रमुख मान चल पड़े कुछ और कबूतर, मानो जैसे वह सब पुराने अनुभवी मुखिया की बातों से असहमत हो या ये जानते हो कि पूरे झुंड की ज़रूरतें सिर्फ एक दिशा में जाने से पूरी नहीं हो सकती, पर उन्हें बस तलाश थी किसी एक ऐसे कबूतर की जो उनकी सोच के अनुसार हिम्मत दिखाकर अलग हो सके। देखते ही देखते वो एक जैसे दिखने वाले, हमेशा साथ रहने वाले, एक परिवार के सदस्य जैसे कबूतर अलग-अलग झुंड में बिखर गए।

आसमान में होने वाली यह शायद सामान्य की घटना हो जो रोज होती है और शायद यह कबूतर शाम होते-होते फिर अपने घरों में एक हो जाये, पर छोटी सी ये घटना मुझे बहुत कुछ सिखा गई, अनेक धर्मों, संगठनों और प्रांतों के निर्माण तथा विभाजन की कहानी बता गई, जो शायद फिर कभी एक ना हो सके और कभी आपस में भाईचारा रखने वाले एक जैसे गुण धर्मों वाले इंसान, एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी बन गए।


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