राजकुमार कांदु

Tragedy Inspirational

2  

राजकुमार कांदु

Tragedy Inspirational

निःशब्द

निःशब्द

1 min
129



 "क्या हुआ माँ ? ये भाभी जी कहाँ जा रही हैं ?"

 "अब तेरे भैया रहे नहीं ! अब यह विधवा यहां क्या करेगी ? जा रही है अपने भैया के पास।" 

 "क्यों माँ ? इसके भैया इसके अपने हैं और हम क्या इसके कोई नहीं ? ऐसा क्यों माँ ?"

"अरे तू नहीं समझेगा ! अभी उसकी उम्र ही क्या है ? अभी तो बच्चे भी नहीं हैं इसके जिसके सहारे वह अपना जीवन काट लेती। कोई अच्छा सा घर वर देखकर इसका भाई इसकी शादी करा देगा। बेचारी खुश रहेगी।" 

 " तो क्या हमारा घर अच्छा नहीं है माँ ? और क्या मैं अच्छा वर नहीं ?"

 अब माँ निःशब्द थी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy