Kritika Dubey

Inspirational

4.5  

Kritika Dubey

Inspirational

मुझे मिली नयी उम्मीद

मुझे मिली नयी उम्मीद

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आज रीना बहुत उदास थी, उसकी उदासी का आलम सिर्फ उसे मालूम था आज उसके साथ क्या होने वाला था उसे पता था।एक 16 साल की लड़की “रीना” की शादी उसके माँ बाप ने तय कर दी बिना रीना के इजाज़त के,हँसने खेलने की उम्र में उसकी शादी तय कर दी गयी,रीना पढ़ना चाहती थी कुछ बनना चाहती थी मगर माँ बाप ने उसे अपने कंधे का बोझ समझ कही झोक देना ही उचित समझा, उदास रीना चुपचाप बैठी अपने आपको आँसुओ से खुद को सजा रही थी।

माँ-बेटी तैयार हो गयी वो लोग आते ही होंगेरीना-अम्मा,बाबा से कहो ना की हमें ये शादी नहीं करनी, हमें….हमें पढना है।

माँ-बिटिया धीरे बोल …कही तेरे बाबा ने सुन लिया तो..तू तोह जानती है कर्ज में डूबे तेरे बाबा कितना परेशान थे, कहा से लाते 1 लाख रुपए, जब सेठजी ने अपने बेटे की शादी का प्रस्ताव रखा तो एक उमीद की किरण मिल गयी,

रीना-माँ उनकी उम्र 35 साल है, और हमारी सिर्फ 16

माँ-तो का हुआ बिटिया बहुत खुश रहेगी तू, बहुत पैसा है उनके पास। (पीछे से आवाज़) रीना की माँ……माँ-लगता है वो लोग आ गए..तू जल्दी से तैयार हो जा।

रीना वापस उदास होकर अपने ज़ज्वतो से सौदा करने का फैसला कर लेती है,सोच लेती है कि एक गरीब के घर की बेटी की ज़िंदगी सिर्फ क़र्ज़ चुकाने के लिए होती है,उसके सपनो का कोई मोल नहींं होता, उसको सिर्फ क़र्ज़ में दबने के लिए पैदा किया जाता है ।इन्ही ख्यालो में डूबी चाय की ट्रे लिए वो पहुच गयी,लड़के वाले के सामने,चाय बाटते हुए अपने अंदर के ज़ज्बातो को मार चुकी रीना चुपचाप एक शोपिस् बन कर बैठ जाती है।

लड़का-अंकल मुझे एक बहुत urget मीटिंग में जाना है, आप लड़की को जल्दी बुला दीजीये।

रीना का पापा-अरे ! बेटे लड़की यही है,रीना, यही हमारी बिटिया है।।

लड़का -क्या……पापा आपने तो कहा था कि लड़की की उम्र मेरी उम्र की है, यह तो बहुत छोटी है,यह सब क्या है पापा।

सेठजी-बेटा इसके पिता ने कर्ज लिया हमसे, और इसके पास पैसे नहींं थे तो मैंने सोचा की…

लड़का-क्या सोचा आपने पापा..16 साल की लड़की से मेरी शादी करा देंगे, कर्ज चुकाने की इतनी बड़ी कीमत लगे आपऔर आप लोग 16 साल की लड़की की शादी करने जा रहे थे नावालिग लड़की शादी करना जुर्म है पता है आपको…अगर आज मेरी शादी हो गयी होती तोह इसके उम्र की बेटी होती मेरी।

रीना के पापा-मेरी बेटी को कोई ऐतराज नहींं है इस शादी से।लड़का -कभी अपने पूछा है उससे की उसे ऐतराज़ है कि नहींं,रीना क्या तुम यह शादी करना चाहती थी,रीना-चुप रहती है। लड़का -बोलो, अगर आज नहींं बोली तो कभी नहींं बोल पाओगी, फिर किसी दिन तुम्हरे पापा किसी के सामने पेश कर देंगे,शायद तब वो तुम्हारी मर्ज़ी ना पूछे,अपने अंदर की बात बहार निकालो, डरने की कोई ज़रूरत नहींं है।“बोलो रीना बोलो”रीना-मैं डाक्टर बनना चाहती हूँ।

लड़का -सुना अपने।चलिये पापा, और आप इसको पढ़िए, खर्चा जो होगा मैं उठाऊँगा,बस मगर इसे रोकिये मत, एक बार इस पर भरोसा कीजिए, फिर देखिये यह कैसे आपके दुःख दूर करती है।इतना कहे के लड़के और उसके पिता चले जाते है।।

(इस तरह रीना के दरवाजे पर खुशियो ने दस्तक दी,रीना बेहद खुश थी,इसके साथ ही साथ डाक्टर बनकर उसने आने पिता के सारे कर्ज चुका दिए, देर से ही सही अब सेठजी का भी कर्ज चुकता हो चुका था।


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