मुझे गर्व है आप पर...
मुझे गर्व है आप पर...
उठिए जनाब कब तक सोयेंगे?
अरे सोने दो न निलू, जब ड्यूटी पर होता हूँ तो कहाँ नींद और कहाँ चैन। अब घर आया हूँ तो थोड़ा सो लूं।
(विनय निलीमा को अपनी बाहों में खींचते हुए बोला)
उम्म, छोड़ो मुझे, खुद तो पड़े हो और मुझे भी लेट करवा दोगे। माँ मुझे बोलेगी की "बहू हमारी कितना सोती है"।
अच्छा ठीक है, लो छोड़ दिया...
क्या विनय अब गुस्सा क्यों हो गए, देखो न 8 बज रहे है। सॉरी बाबा लेट हो रहा है। प्लीज् गुस्सा मत हो...
विनय, ऐसे नहीं मानूँगा, पहले बोलो तो...
क्या बोलूं ? (निलीमा मुस्कुराते हुए)
जो तुम्हारे मुँह से सुने बिना मेरी नींद नहीं खुलती।
अच्छा जी, ये बात है..
"उठ जाओ न" लो बोल दिया (खिलखिला कर हँसने लगी निलू)
तो ठीक है ऐसी ही मेरी बाहों में कैद रहो...
क्या मेजर साहब आप भी न, मानते नहीं तो, अच्छा ठीक है,
"I love u" (निलीमा ने विनय के कानों में ये प्यार के 3 शब्द घोल दिए)
कुछ दिन में मेजर विनय की छुट्टियाँ खत्म हो गई और ड्यूटी पर जाने का समय आ गया...
अभी तो आये ही थे बेटा, इतनी जल्दी वापस जा रहे हो?
हां माँ, क्या करूँ तेरे बेटे ने एक और माँ की रक्षा का वचन जो ले रखा है। मेरा फर्ज़ है माँ। क्या तू चाहेगी की तेरा बेटा अपने कर्तव्य से मुँह मोड़ ले?
"नहीं बिल्कुल नहीं बेटा, तू तो मेरा शेर बेटा है। तेरी माँ का आशीर्वाद हमेशा तेरे साथ है, "विजयी भवः"।
(सर पर माँ ने हाथ फेरा और माथे को चूमते विदा किया)
ठीक है मेजर साहब, आप जाइये और वादा करिये की जल्द वापस आएँगे, इस बार हम सब होली साथ में मनाएंगे।
"अपना ख्याल रखना विनय, I love u..."
निलीमा हमेशा मेजर विनय को i love u बोल कर विदा करती थी ड्यूटी के लिए।
14 फरवरी
आतंकवादी हमले के शिकार हमारे 44 भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए। पूरे देश मे मातम और आक्रोश का माहौल पसरा था। हमारे सौनिकों के घरों से रोने और चीखने की आवाज़ों से पूरा देश गूँज रहा था, या ये कहिये पूरा देश इस दर्दनाक घटना के लिए बेहद दुःखी था और सब की आँखें नम थी।
तभी हमारे शहीद भाइयों की जान का बदला लेने के लिए, हमारे आर्मी ऑफिसर्स ने तय किया कि हम भी इसका मुँह तोड़ जवाब देंगे। हमले की तैयारी हुई, इस मुठभेड़ में 4 आतंकवादी मारे गए। पर अफ़सोस हमारे वीर मेजर विनय समेत 5 जवान और शहीद हो गए।
मेजर विनय का पार्थिव शरीर जब उनके घर की दहलीज़ पर आया तो उनकी माँ-बाप, बहनों और पत्नी का बहुत ही बुरा हाल था। साथ ही पूरा देश और उनके परिजन इस घटना से बहुत ही दुःखी थे। पत्नी निलीमा ने जब से विनय के शहीद होने की खबर सुनी बेसुध हो गयी। किसी तरह उन्हें होश में लाकर मेजर विनय के पार्थिव शरीर के पास लाया गया।
एकटक निलीमा विनय को निहार रही थी, आँखें पथरा सी गयी, फिर अंतिम विदाई का समय आ गया...
रूंधे गले से...
"विनय, आपने मुझसे झूठ बोला, आप मुझसे कहा करते थे कि, आप मुझे बहुत प्यार करते हो, लेकिन आप तो मुझसे ज्यादा भारत माँ से प्यार करते थे, तभी तो आज आपने भारत माँ के लिए मेरी परवाह किये बिना अपनी जान उन पर न्योछावर कर दी। पर मुझे गर्व है आप पर, मुझे गर्व है कि मैं आपकी पत्नी हूँ। मैं ता उम्र आपको प्यार करती रहूँगी। I love u विनय I love u lots...."
निलीमा बार-बार अपने हाथों के स्पर्श से किस दे रही थी, और बार-बार ये शब्द दोहरा रही थी। ये ऐसा मंजर था कि भगवान भी अपने आपको रोक न सके (बारिश)। निलीमा बस जी भरकर अपने पति, अपने प्यार को अपनी आँखों में बसा रही थी। नहीं चाहती थी यूँ विदा करना, पर विदाई तो देनी थी। फिर खुद को सम्हालते हुए गर्व से बार-बार कह रही थी कि "मुझे गर्व है आप पर, गर्व है कि मैं आपकी पत्नी हूँ"।
हर बार निलीमा विनय को i love u कह कर विदा किया करती थी, पर इस विश्वास के साथ कि मेरे विनय लौट कर वापस आयेंगे। पर आज तो भारत माँ का सपूत हमेशा के लिए उनका हो कर चला गया।
दोस्तों आज हमारा पूरा देश इस दुःखद घटना के लिए दुःखी है। आज न जाने कितनी माँओं की गोद सूनी हो गयी, कितनी बहनों के भाई चले गये, न जाने कितनी स्त्रियों का सिंदूर धुल गया और न जाने कितने अबोध बच्चों के सिर से बाप का साया छिन गया। हर तरफ हाहाकार मचा है। ऐसे वीर जवानों की शहादत में मेरा नमन।
