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Vipul Verma

Drama

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Vipul Verma

Drama

मिट्टी से सनी चूड़ियाँ

मिट्टी से सनी चूड़ियाँ

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ज़ैनब अपनी अम्मी के साथ ईद का मेला देखने गई। मेले में बहुत सुंदर-सुंदर चीजें थी। कही बड़े-बड़े झूले तो कही रंग-बिरंगे गुब्बारे। रंग-बिरंगी चूड़ियाँ देख कर तो ज़ैनब का मन ही मचल गया, उसने अपनी अम्मी से चूड़ियाँ दिलाने के लिए कहा। अम्मी ने ज़ैनब को दोनों हाथों में छोटी-छोटी रंग-बिरंगी चूड़ियाँ पहनवा दी, उसे खनकती हुई चूड़ियाँ बहुत अच्छी लगी।      

थोड़ा आगे बढ़ाने पर ज़ैनब की नज़र एक कुम्हार पर पड़ी, जो मिट्टी से कई चीजें बना रहा था। ज़ैनब जाकर कुम्हार भैया के पास बैठ गई और बड़े ध्यान से उन्हें देखने लगी। कुम्हार भैया एक डंडी से अपने चक्के को ज़ोर से घूमते और उस पर रखी मिट्टी से कभी मटकी, तो कभी दिया, तो कभी फूलदान बना देते। ज़ैनब बड़े ही ध्यान से कुम्हार भैया को देखती रही। उसकी अम्मी भी उसके साथ वही बैठ कर कुम्हार भैया को देखने लगी।

कुछ देर बाद कुम्हार भैया का ध्यान उस छोटी सी लड़की की ओर गया जो उनको बहुत ध्यान से बड़ी देर से देख रही थी। कुम्हार भैया ने ज़ैनब से पूछा, क्या तुम भी मिट्टी से कुछ बनाना चाहती तो, ज़ैनब ने झेंपते हुए अपनी गर्दन हाँ में हिला दी। कुम्हार भैया ने कहा आओ मैं तुम्हें सिखाता हूँ कैसे बनाते हैं? ज़ैनब की अम्मी ने उसके सिर पर हाथ रखकर कहा, जाओ। 

कुम्हार भैया ने ज़ैनब के हाथ पकड़ कर पानी से गीले किए और अपने चक्के को ज़ोर से घुमाया और ज़ैनब के हाथ पकड़ कर मिट्टी पर रख दिए। देखते ही देखते ज़ैनब के हाथों के नीचे एक छोटी सी मटकी बनाने लगी। ज़ैनब के तो रोंगटे ही खड़े हो गए और एक छोटी-सी प्यारी मटकी बनकर तैयार हो गई। कुम्हार भैया ने उस मटकी को अपने चक्के से उतारकर ज़ैनब को दिया और कहा ये तुम्हारे लिए तुम इसे घर ले जा सकती हो। ज़ैनब बहुत खुश हुई उसने अम्मी की ओर देखा और बड़े ही ध्यान से मटकी के अपने हाथों मेंज़ैनब के हाथ और उसकी नई चूड़ियाँ मिट्टी से सने हुए थे, फिर भी उसका मन वहाँ से जाने को नहीं कर रहा था। कुम्हार भैया ने कुछ मिट्टी थैली में डाली और ज़ैनब की ओर बढ़ाते हुए बोले, लो थोड़ी सी मिट्टी ले जाओ, घर जाकर जो मन करे, बनाना। ज़ैनब ने मिट्टी ली और मेला घूम कर घर वापिस आ गई।वह बहुत थक गई थी इसलिए सो सुबह उठते ही ज़ैनब मिट्टी लेकर बैठ गई और कुछ बनाने लगी। कुछ देर बाद उसने मिट्टी से एक छोटी सी गुड़िया बनाई और भागकर गई और अपनी अम्मी को दिखाई। अम्मी ने कहा मेरी बिटिया कुछ नया बनाकर लाई है और उसे बहुत प्यार किया। ज़ैनब भी बहुत खुश थी क्यों कि उसने कुछ नया सीखा था।


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