मेरी कहानी

मेरी कहानी

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अब तक जिंदगी के 28 बसंत गुज़र चुके हैं। मेरी हाईट सामान्य लोंगो से बस थोड़ा सा कम है। कई बार लोंगो ने मेरा मज़ाक भी उड़ाया। जिंदगी के अब तक के सफ़र में न जाने ऐसे कितने दौर आये जब लोंगो ने मेरा मज़ाक बना कर बारबार दिल दुखाया। हाईट देख कर भविष्य बताने वालों की भी कमी नहीं थी। बहुत से महारथी लोंगो ने तो यहां तक कह दिया था कि मेरी शादी भी नहीं होगी।
पर आज़ मुझे अहसास होता है कि मैं उन लोंगो में से हूं जिसे भगवान का प्यारा बच्चा कहा जाता है। भगवान ने मुझे सब कुछ उतना ही दिया है, जितनी की मुझे जरूरत है। सच कहूँ तो मेरे पास आज़ भगवान से शिकवा-शिकायत करने लिए कुछ भी नहीं है। जब मैं ने भगवान से जो मांगा वो मिला। हां, भगवान ने मुझसे सब्र जरुर करवाया।
एक चीज़ है भगवान ने हमेशा मुझे बुरे लोंगो से दूर रख़ा। मैं ने यह कई बार ध्यान दिया है की कोई भी बुरा इंसान कुछ दिन मेरे से बात करने के बाद अचानक से दूर चला जाता है, चाहे वह लड़का हो या लड़की। लेकिन ,अगर वह अच्छा इनसान है तो वह मुझसे सम्पर्क में बने रहने की पूरी कोशिश करता है।
वैसे ख़ामियां तो मुझमें भी बहुत हैं। पर हर बार भगवान जैसे रास्ते में आ कर खड़े हो जाते हैं। कहते हैं,' इतनी खूबसूरत बीवी दे दिया हूँ तो फ़िर उसके पीछे क्यूं पड़ा है, नालायक कहीं का।'
मेरी ईमानदारी और मेरी मेहनत के चर्चे इतने की कई कम्पनी से जॉब का ऑफ़र आता रहता है। डरता हूँ तो सिर्फ इस बात से की कहीं कोई ग़लती ना हो जाय़े। मेरी वज़ह से किसी का दिल ना दुखे। क्यूंकी मेरा ऐसा मानना है की दुनियाँ में दिल दुखाने और झूठ बोलने से बड़ा कोई पाप ही नहीं है, क्योंकि सभी पापों की जड़ ही यही है।


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