लम्हें जिंदगी के
लम्हें जिंदगी के
खूबसूरत और यादगार लम्हे अपने कैमरे में कैद कर बेहतरीन बनाइए अपनी जिंदगी सेल्फी तो आप अक्सर खींचती ही रहती हैं और अब एक नई स्टडी भी आपकी तस्वीरें खींचने की आदत को आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद बता रही है।
खूबसूरत लम्हों को अपने कैमरे में कैद करना हम सभी को अच्छा लगता है। और हो भी क्यों ना, ये स्पेशल मोमेंट्स जब तस्वीरों की शक्ल ले लेते हैं तो हमेशा के लिए हमारी यादों का हिस्सा बन जाते हैं। तस्वीरें चाहे हमारे घर के इंटीरियर्स की हों, बाहर की हो, फेवरेट डेस्टिनेशन्स की हों, अपने बेस्ट फ्रेंड्स के साथ मौज मस्ती करते हुए की हों या फिर किसी पार्टी में जश्न मनाने की, इनके साथ हमारे खास इमोशन्स जुड़े होते हैं। जब कभी भी हम इस तस्वीरों को देखते हैं तो हम उन इमोशन्स के साथ फिर से कनेक्ट फील करते हैं।
यादगार तस्वीरों को बार-बार देखना भी हमारे लिए एक तरह से विजुअल ट्रीट होती है, क्योंकि इन्हें देखते ही हमारे चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है। दोस्तों के साथ कोई शरारत हो या कोई स्पेशल मोमेंट हो तो उन तस्वीरों की यादें हमारे लिए और भी अहम हो जाती हैं। अगर आप भी तस्वीरें खींचने की शौकीन हैं तो आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि एक नई स्टडी भी तस्वीरें खींचने के शौक को अच्छा बता रही है। तो अब आप कहीं भी घूमने जाएं, अपने दोस्तों से मिलने जाएं या अपने क्लोज लोगों के साथ किसी तरह का सेलिब्रेशन कर रही हैं तो उसकी तस्वीरें अपने कैमरे में जरूर क्लिक करें।
इस स्टडी के अनुसार तस्वीरें खींचना हमारी सेहत के लिए अच्छा है। लंकास्टर यूनिवर्सिटी के डॉ. लिज ब्रिउस्टर और यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड के डॉ एंड्रयू कॉक्स ने फोटो क्लिक करने वालों की एक्टिविटीज को रिकॉर्ड किया, उन्होंने इस बात पर भी ध्यान दिया कि फोटोग्राफर तस्वीरों के साथ क्या लिखते हैं और फोटो खींचने के दौरान वे लोगों से किस तरह की बातचीत करते हैं। उन्होंने पाया कि तस्वीरें खींचने के दौरान लोगों को मोटे तौर पर इन तीन चीजों में बेह
तर हो जाते हैं -
हमारी रूटीन जिंदगी में होने वाले काम कुछ वक्त बाद हमारी मेमोरीज में धुंधला जाते हैं, लेकिन जब हम किसी खास जगह पर जाते हैं और वहां के यादगार लम्हों को कैमरे में कैद करते हैं तो वे हमेशा के लिए हमें याद रह जाते हैं। ये एक्सपीरियंस हमारी रूटीन लाइफ से बहुत अलग होते हैं और इस दौरान हम अपने एंबियस की हर छोटी से छोटी चीज पर बहुत बारीकी से गौर फरमाते हैं। इसीलिए तस्वीरें खींचना हमारे लिए काफी पॉजिटिव हो जाता है।
इस स्टडी में शामिल एक व्यक्ति ने बताया, 'मेरी जॉब बहुत स्ट्रेस वाली है। कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि मुझे सांस लेने की भी फुर्सत नहीं होती। आप समझ सकते हैं कि मुझ पर कितना तनाव होगा। वहीं तस्वीर क्लिक करने का खयाल अपने आप में बहुत अलग फीलिंग देता है। एक पल के लिए ठहर जाना और यह सोचना कि मैं इस इंसेक्ट की तस्वीर क्लिक करना चाहता हूं, मुझे उस पल में जिंदगी को भरपूर जी लेने का अहसास देता है।'
स्टडी में पाया गया कि तस्वीरें खींचते हुए लोगों की एक्सरसाइज हो जाती है, उन्हें एक अच्छे काम का मकसद मिल जाता है, उनकी स्किल्स का सही उपयोग होता है और उन्हें अपने अचीवमेंट की खुशी भी होती है।' एक और पार्टिसिपेंट ने अपने एक्सपीरियंस कुछ इस तरह बयां किए, 'मुझे घर से बाहर का एंबियंस बहुत अच्छा लगता है। मुझे इस बात को सोचकर ही अच्छा फील होने लगता है कि मैं कहीं फुर्सत से चाय पी रही हूं। मैं समुद्र किनारे चल सकती हूं और इससे पहले कि मुझे अहसास हो कि मैं वॉक कर रही हूं, मैं समंदर किनारे 2 मील का सफर तय कर चुकी हूं।'
इन बातों से अगर आप भी इत्तेफाक रखती हैं तो जाहिर है अब आप तस्वीरें खींचने के लिए और भी ज्यादा इंस्पायर्ड फील करेंगी। सेल्फीज और फोटो क्लिक करने के लिए जब आपके पास इतनी खूबसूरत वजह हो तो फिर ठहरने का कोई मतलब नहीं। हर दिन एक नए पड़ाव पर जाइए और हर पल को यादगार बना लेने वाली तस्वीरों को अपनी शानदार मेमोरीज का हिस्सा बना लीजिए।