क्षण भर जीवन मुटठी में
क्षण भर जीवन मुटठी में
सबको घमंड था इस बात पर कि हमसे बढ़कर कोई नहीं, सब भूल चुके थे अपनी सच्चाई कि हम कौन है, लेकिन कहते है न नियति को कुछ और ही मन्जूर था। आज दुनिया जिस दहाने पर खडी है वो बहुत ही कष्टदायक है।हमें जीवन का सही माना इस कोरोना ने समझा दिया। हम कितने दूर हो गये थे अपने इन प्यारे रिश्तों से जिसका अहसास इस लाॅकडाउन ने कराया। एक बार फिर हम परिवार का मतलब समझ पाये।
कहते हैं कि 2020 दोबारा न आए मै भी यही चाहती हूँ कि सच में ऐसा वक्त कभी ना आए क्योंकि बहुतों को खोया है हमने कितने मासुमों की जान चली गयी इस वायरस के कारण ।आज पूरा संसार परेशान है इस कोरोना वायरस से और इसका इलाज ढूँढने में लगे है। आज बडो से लेकर छोटे तक सब अपने घरों में है। मैने पडा था कि 14 शताब्दी में इंगलैंड में ब्लैक डेथ (प्लेग)हुआ था, ये बीमारी पूरे इंगलैंड में फैल गई जिससे काफी लोगों कि जान गयी, हम बस कल्पना करते थे लेकिन पता नहीं था कि इस तरह का वायरस हमारी ज़िन्दगी में आयेगा, और एक ही क्षण में हमें अपने जीवन जीने के लिए तरसना होगा। लेकिन मेरे दिल में अजब सी उलझन है कि क्यों...
ये हमारे साथ हुआ लेकिन सोचा जाये तो हम एक ऐसी लाइफ स्पेन्ड कर रहे हैं, जैसी लाइफ हमारे पुर्वजों ने नहीं स्पेन्ड की, और हम तो सब कुछ भूल चुके मतलब जिन्दगी का असली माना (अर्थ) भूल चुके थे, हम भूल चुके थे अपने लोगों का दर्द, तकलीफें अपने में ही मशरूफ हो गये, लेकिन इस कोरोना ने हमें याद दिलाया। अब समझ आता है कि यह जिंदगी कितनी किमती है।सलाम उन कोरोना योद्धाओं को जो इस मुश्किल घडी में लोगों की मदद कि। और उन लोगों को भी जो जरूरतमन्द लोगों की सहायता की जिससे हम इस मुश्किल घडी से उभर पाए। इसीलिए मैने कहा कि क्षण भर जीवन मुटठी में।
