STORYMIRROR

NEETU Jha (jhadkhande)

Inspirational

4.4  

NEETU Jha (jhadkhande)

Inspirational

कोरोना में भी इंसानियत

कोरोना में भी इंसानियत

2 mins
285


आज जब मैं अपने घर की छत पर टहल रही थी तब मैंने एक इंसानियत का किस्सा देखा । जो मेरे जेहन में हमेशा रहेगा। मेरे घर के सामने ग्राउंड है । और पास में ही एक कॉलोनी है जो घर की छत पर से स्पष्ट दिखाई देती है ।कॉलोनी में एक लड़की बाहर निकली वह अपने घर की मुंडेर पर अपने पैरों के नाखून काट रही थी । तभी एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति जो दुबला पतला सा और अस्त व्यस्त लग रहा था । उसके सिर के बाल और दाढ़ी भी बड़ी-बड़ी थी। उसने अपने कंधे पर एक झोला टांग रखा था ।वह दोनों हाथ जोड़कर उस लड़की से कुछ बोलने लगा "बेटा एक रोटी है क्या ? बहुत भूखा हूं कोरोना के कारण घर में खाने को अनाज नहीं है । भीख मांगने पर भी कोई भीख नहीं दे रहा । मुझसे डरो मत बेटा । कोरोनावायरस है जानता हूं । मुझे बहुत भूख लगी है । इसलिए रोटी मांगने निकल आया।" इतना

सुनते ही उस लड़की ने पहले उस अधेड़ उम्र के व्यक्ति को देखा और फिर कुछ बोली और अंदर चली गई। थोड़ी देर बाद देखती हूं कि वह लड़की चार पांच रोटी और रोटी के ऊपर अचार लेकर बाहर आई। उस अधेड़ व्यक्ति को रोटी देने लगी " लो बाबा"

अधेड़ व्यक्ति बोला "बेटा यह रोटी नीचे रख दो ,मैं उठा लूंगा ।" लड़की थोड़ी देर रुकी और फिर उसने कहा "बाबा मैं रोटी नीचे नहीं रखुगी,अच्छा नहीं लगेगा ।तुम हाथ में ले लो ।अन्न को नीचे रखना अन्न का अपमान होगा और रही बात करोना की तो मन में इच्छा शक्ति है तो कोरोनावायरस को हम हरा देंगे ।आप यह रोटी लो और अपनी भूख मिटा लो बाबा।" उस अधेड़ व्यक्ति की आंखें नम हो आईं और रोटी लेते हुए उस लड़की को खुब सारा आशीर्वाद देते हुए दुसरी गली में पहुंच गया और वह लड़की फिर से अपने नाखून काटने में व्यस्त हो गई।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational