Sunil Maheshwari

Inspirational

4.9  

Sunil Maheshwari

Inspirational

कलाकार- अल्फाज़ों का

कलाकार- अल्फाज़ों का

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दोस्तों ये बात तब की है, जब मैं इस बेरंग दुनिया की उलझनों में कहीं खोया हुआ था, अपनी पहचान बनाने के सपने के साथ दुनिया की जद्दोजहद में खोया हुआ था, तब हमेशा एक ही बात दिमाग में आती थी और सोचता था कि हर आदमी अपनी असली ज़िन्दगी में हीरो है, बस सबकी फिल्म ही रिलीज नहीं होती, दिल के किसी कोने में कुछ कर गुजरने की एक ज्वलंत तीव्र इच्छा, सिर्फ एक चाहत हमेशा से होती थी कुछ कर दिखाने की, ज़ज़्बा था, जुनून था एक अपनी खुद की पहचान पाने का, पता नहीं कब, कहाँ, कैसे, और कौन से वक्त शब्दों से खेलने का ख़ुमार चढ़ा, जिसमें आप सब जैसे दोस्तों ने साथ दिया, और हौसला भी बुलंद किया, उन बुलंद हौसलों ने मेरी कलम और शब्दों में इतनी ताकत भर दी कि एक जुनून सा बनने लगा, अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाने का,अपने सपने, आशाओं, हौसलों को साकार करने का..

फिर सपने संजोये कुछ अरमान मेरे मचलने लगे, बस एक ही बात दिल को हर वक्त सुनाई देती थी कि कोई नामुमकिन सी बात को तू मुमकिन तो करके दिखा, खुद पहचान लेगा जमाना, तू भीड़ में कुछ अलग करके तो दिखा। फिर मेरे एक अजीज़ दोस्त ने कहा, कि हौसले बुलंद कर रास्तों पर चल दे, तुझे तेरा मुकाम मिल जायेगा, बढ कर अकेला तू पहल कर, देख कर तुझको काफ़िला खुद-ब-खुद बन जायेगा, तू हिम्मत तो जुटा, बस हमेशा यही बात याद आती कि जो लोग सफर की शुरुआत करते हैं, वो मंज़िल पा ही लेते हैं। बस एक पत्थर तो फेको यारों , बस मेरी अंतर आत्मा एक ज्वलंत तीव्र इच्छा के साथ बार बार यह एहसास दिला रही थी कि अपने इस सपने में इतनी आग भर दो कि ये आग हमेशा आपको अपने लक्ष्य को पाने के लिए जलाती रहे। क्योंकि मैं जानता हूँ कि दुनिया में एक इंसान की सबसे शक्तिशाली ताकत उसकी अपनी ज्वलंत अंतरात्मा है, जो उसको प्रेरित करती रहती है, और अपनी मंज़िल को पाने के लिये लालायित करती रहती है,और अगर कुछ लोगों की लाइफ में थोड़ा सा भी सकारात्मक बदलाव और लोगों की सोच को बदल सकूँ तो लगेगा जीवन सार्थक हो गया। जिन्दगी के पन्नों पर सपनों के चित्र बनाकर उम्मीद के रंग भरना है। कुछ मिलना, ना मिलना तो किस्मत की बात है पर कोशिश तो करनी ही है, आज नहीं तो कल छू लूँगा ये आसमान, बस ख्वाहिशों की पतंग, उड़ाते रहना है, क्योंकि नहीं होगा कुछ हासिल यूँ ठहर जाने से, माना सफर है मुश्किल, पर निरंतर चलते जाना है,रूकना नहीं, ठहरना नहीं, हर दिन आगे बढ़ते जाना है, दोस्तों धीरे-धीरे अपनी मंज़िल करीब होने लगी,और शब्द मजबूत होने लगे, ये वादा रहा दोस्तों, इन शब्दों को ऐसे पंख लगाऊंगा, कि एक अलग ही इतिहास रचाऊंगा, कलम की दुनिया में एक ऐसा नाम बनाऊंगा, कि किताबों के शब्द-कोष में एक विशेष मुकाम बनाऊंगा।


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