किसी को बे-इंतहा चाहना
किसी को बे-इंतहा चाहना


किसी को बे-इंतहा चाहने की आदत अच्छी नहीं
व्यक्ति को खुदा मान लेने की आदत अच्छी नहीं
ज़माने के चलन के हिसाब से बदलने होंगे अब शौक
किसी एक पर कुर्बान हो जाने की आदत अच्छी नहीं
उनकी ख्वाहिशों से पहले अपना भला सोचेंगे अब
हर दफ़ा टूट कर सितारा बन जाने की आदत अच्छी नहीं
खाली सड़कों में वीरानियों से इश्क निभाना बेहतर है
दर्द-ए-दिल के बहाने मयखाने जाने की आदत अच्छी नहीं
हर मोड़ पर खड़े हैं जज़्बातो का कत्ल करने वाले लोग
सभी पर आंखें मूंद विश्वास कर लेने की आदत अच्छी नहीं
बेवज़ह ही आफ़त हो जाती है मासुम से इस दिल की
किसी को जीने की वजह बना लेने की आदत अच्छी नहीं
जो जैसा है उसके साथ वैसा ही सुलुग का रिवाज़ है
हर किसी को अच्छा जान लेने की आदत अच्छी नहीं।