केले वाली
केले वाली
रुक जाता है ,हाथ इस कदर इतनी गरीबी है। इस संसार में सामने एक औरत केले बेच रही। वही पुराने लिबास में महिला बैठी है। एक टोकरी में कुछ दर्जन केले है उसमें भी कुछ टूटे तो कुछ गुच्छों में है, लोगों का आना जाना लगातार बना हुआ है पर सुबह से सिर्फ दो से तीन दर्जन ही केले बिके। केले देने के लिए उनके पास कोई थैला तक नहीं था। मन तो किया पूरी टोकरी खरीद लूं इस गरीब महिला कि सारे केले खरीद लो परंतु फिर कहीं उसे ऐसा ना लगे कि आज तो इसने सारी ले ली पर कल कौन लेगा। गरीबी और बेरोजगारी का सितम ही कुछ इस कदर है कईयों के पास करोड़ो हैं तो कईयों के पास सिक्के की भी कम है। अंत में ईश्वर से यही दुआ की है की है ईश्वर इस महिला के सारे केले आज बिक जाए।