जिंदगी को कैसे जिए
जिंदगी को कैसे जिए


जिंदगी किसे कहते हैं।
जिंदगी एक खेल है जिसका न कोई बहाना हैं और न कोई सहारा हैं। जिंदगी उस पल का नाम है जिसे हर कोई जीना चाहता है। लेकिन हर एक अपनी जिंदगी नहीं जी पाता। किसी ने कहा है कि जिंदगी जीने के लिए तजुर्बे की नहीं बल्कि हालातों की जरूरत है।लोग कहते हैं जमाना कहता है कि हर पल खुश रहना ही जिंदगी का नाम है लेकिन आज की इस भाग दौड़ जिंदगी में हर कोई चाहता है कि वे अपने आप को खुश रखे लेकिन हर संभव यह सिर्फ कोशिश ही रह जाती है
जिंदगी किसी चीज, वस्तु, खजाना, का नाम नहीं हैं बल्कि जिंदगी उस प्यार भरे पल का नाम है। जिसको हर कोई जीना चाहता है।
जिंदगी उस प्यार भरे बिताए हुए पल है जिसे हम हर पल सिर्फ महसूस कर सकते हैं लेकिन उस वक्त को नहीं जी सकते। क्योंकि आज हमारा समाज बहुत क्रिटिकल हों चुका है जिसको बदलना न हमारे हाथों में है न आप के।
जिंदगी को जिए कैसे
जिंदगी को जीने के लिए तजुर्बे और हालातों की जरूरत नहीं पड़ती। जिंदगी जीने के लिए सिर्फ आपसी रिश्तों में सुधार करने की जरूरत है ताकि आप सब हमेशा एक साथ खुश रह सके लेकिन आज के समय में हर घर में हर किसी से मन मोटव रहता हैं। मन मोटाव का कारण सिर्फ एक गलती होती हैं जिसे हम हर एक सुधारने की कोशिश नहीं करते और हम अपने जीवन को सफल नहीं बना पाते।
जिंदगी को जीने के लिए आप सभी को एक साथ रहना होगा और अपने दिल की बातो को अपने परिवार के साथ कनेक्ट करके अपने आप को सही दिशा निर्देश लेना होगा और किसी दूसरे कि बातों में नहीं आना होगा बल्कि अपने आप पर और अपने परिवार पर पूरा भरोसा विश्वास रखना होगा।यही जिंदगी जीने का मूल मंत्र है।
हर कोई अपनी जिंदगी खुश रह कर क्यों नहीं जी पाता।
हर कोई अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने में लगा है लेकिन शायद हर किसी को यह मालूम है कि इंसान को खुश रखने के लिए सिर्फ अपनी सोच को बदलने की जरूरत है। कुछ लोग कहते हैं कि जिंदगी में खुश रहने के लिए बहुत सारे पैसों की जरूरत है लेकिन शायद मै आपको याद दिला दूँ इन्किसान {जब आप पहली बार हट बाजार गए हुए थे तो अपने मंदिरों के बाहर, फुटपाथ पर, रास्तों में, हट बाजार में आदि जगहों में आपने कई गरीब,आसहाय, लंगड़े , लुल्ले, लोगो को आप में से हर कोई देखा होगा} लेकिन क्या आप में से कुछ गिने चुने लोग होंगे जो उन्हें दस पाच देके अपने मन को खुश किए होगे और आप में से ही कोई लोग उनके विषय में कुछ सोचा होगा लेकिन आप की सोचने की हालत सिर्फ एक वजह तक ही रही होगी और आप सभी मित्र लोग हट बाजार आने के बाद आप उनके बारे में सोचना बंद कर देते हैं। आप को पता हैं कि वही इंसान इस पावन धरती पर सबसे ज्यादा खुश हैं जानते हैं क्यो क्योंकि उनको न तो आज की चिंता हैं और न ही कल की वह सिर्फ मस्त मग्न जीना जानते हैं। यह अपनी गलती बल्कि यह एक इंशनी फितरत है यह अकेले आप के साथ नहीं बल्कि हर कोई के साथ होता है जिसको न आप बदल सकते और न ही हम।और अब आती हैं मुद्दे की बात हर कोई अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के चक्कर में खुश नहीं रह पाते। खुश रहने के लिए सिर्फ अपने सोच को बदलने की जरूरत है नकी कुछ और आप सभी मित्र लोग अपने परिवार को बेहतर ढंग से जीने की बात करते है लेकिन उस प्यार भरे पल को बेहतर तरीके से नहीं जी पाते। क्योंकि आप सिर्फ अपने बारे में अपने परिवार के बारे में सोचते हैं आज से आप लोग अपने कमाई का सिर्फ 1% हिस्सा आप उन अनाथ बच्चों को, उन गरीब लोग को जो अंधे हैं, जिसके हाथ पैर नहीं हैं। मै आप सभी को यह विश्वास दिलाता हूं कि आप अपनी जिंदगी को खुशी से जी पाएंगे और आप के ऊपर जो बला होगी वह भी उन गरीब, अनाथ बच्चों के दुआ से टल जाएगी।