जिंदगी एक आईना
जिंदगी एक आईना


जिंदगी एक सच्चा आईना है जो हमें हर वक्त खुद से रूबरू कराता है जिंदगी एक ऐसा आईना है जो गौर करने पर हमें हमारी गलतियों से और हमारी अच्छाइयों से रूबरू कराता है जिंदगी का सिर्फ एक ही मकसद होता है। इंसान को उसकी खूबियां और खामियाँ बताना असल में तो इंसान दूसरों में खामियाँ तलाश करने में माहिर होता है लेकिन जब जिंदगी का वह आईना उसे उसकी गलतियों और खामियों को दिखता है तब वह इंसान नजरें चुरा जाता है पता है क्यों क्योंकि उसे लगता है। वो हर चिज में माहिर है उसमें कोई खामी नहीं है और उसकी तो हर चिज में खूबी मौजूद है और सामने वाला इंसान खामियां से भरा हुआ है उस में तो कोई खूबी है ही नहीं और अगर होगी भी तो मुझे तो नजर नहीं आती जो इंसान किसी की खूबियों से या किसी की कामयाबी से जलता हो तो वो इंसान कभी कुछ कर ही नहीं पता है क्यों क्योंकि उसे खुद में खूबियां और दूसरों में खामियां नज़र आती है बड़ा गुरूर होता है उसे खुद पर लेकिन ज़िंदगी को भी तो आईना दिखना है ना उसको उसका की असल में सामने वाला नहीं बल्कि वही सबसे ज्यादा खा
मियां से भरा है जो दूसरों की खूबियों में खामियां तलाश करता है वो इंसान कभी भी कुछ नहीं कर सकता है जिंदगी में ।
जिंदगी की राहे हमें हर पल जिंदगी के आईने से रूबरू कराती है असल में जो इंसान अपनी खूबियों से ज्यादा अपनी खामियों पर गौर करने की कोशिश करता रहता है असल में वह इंसान जिंदगी में जरूर कामयाब होता है ।
एक आईना तो वह होता है जो सिर्फ हमें हमारी बहार की चिजों से रूबरू कराता है मतलब हमारी शकल से हमारे रंग से और हमारी लंबाई से लेकिन ये आईना हमारे अंदर की खामियां ब्यान नहीं कर सकता क्योंकि वह सिर्फ वही दिखा सकता है जो उसे दिखता हो और एक आईना वह होता है जो हमें हमारे अंदर की खामियां बताता है जो हमें बताता है की हमारी सोच कैसी है हमारा दिल कैसा है और असल में हम कैसे है
बजाये उस आईने को देखने के जो तुम्हें सिर्फ ये बताता है की तुम बहार से कैसे दिखते हो ।
बल्कि उस आईने को देखो जो तुम्हें तुम्हारी असलियत से रुबरू कराये की तुम असल में कैसे हो और तुम खुद को समझते क्या हो।