जीवनदायिनी : अध्याय 3
जीवनदायिनी : अध्याय 3
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अभी तक की कहानी में आपको लग रहा होगा कि चलो अब सब ठीक हो गया है। अब वो आसानी से चल पाएगा पर ऐसा नही हुआ। एक सामान्य बच्चे की परवरिश करना ही कोई मामूली काम नही होता, खासकर की जब सर्दिया आने वाली हो। हम में से, ज्यादातर लोगों को ये पता नही होगा की वो जमाना डायपर्स का नही था। उस वक़्त तिकोने सिले जाते थे जो बच्चे को पहनाया जाता था। खैर लौट कर वापस चलते है कहानी पर , वो तीनो घर लौट आते है। बच्चे को बोरे पर लिटाकर वो घर के काम काज में लग जाती है। थोड़ी देर में बच्चे को देखती है, तो उसने सुसु कर ली होती है वो भागती है और बच्चे के तिकोनी बदलती है। इतनी देर में इधर उसकी सास आ जाती है और ताने देने लगती है, "अभी उसको घुमाकर लायी हो उसे छोड़ो और खाने पे घ्यान दो मेरा छोटा बेटा सुबह से कुछ ढंग से नही खा पाया है।
वो सिर झुकाए चुप चाप सुनती रहती है और उनके जाने के बाद जल्दी से हाथ धोकर दोबारा खाने पकाने में लग जाती है। सारा चूल्हे चौके का काम खत्म करक, वो खाने बैठी ही होती है कि,इतने में इनका देवर आके बोलता है कुछ मीठा खाने का मन है, हलवा बना दो। इस पर वो बोलती है में अभी खाना खा लू फिर बनाती हूँ।
इस पर वो बोलता है। अरे उस लंगड़े को पूरे दिन लेकर घूमती रही और अब खाने में कितना वक्त लगा रही हो, बाद में खा लेना पहले बना दो। ये सुनकर उसकी सहंसक्ति जबाब दे जाती है, वो कहती है कि में नौकरानी नही हूँ। माँ से कह दो वो बना दे मुझे अभी बच्चे का भी खाने का देखना है सुबह से उसने दूध नही पिया। ये सुनकर उनका देवर वहां से चल जाता है और अपनी माँ से कुछ इधर उधर ली जोड़ जाड़ कर कुछ भी बताता है। थोड़ी देर में पूरा घर उसके सिर पे आके खड़ा हो जाता और उनका पति उसको खाते से उठा कर रूम में जाकर छोड़ देता है।
इस पूरे घटना से जब वो खुद को संभाल के दोबारा बच्चे के लिए बाहर जाती है तो वो सुनाती है कि "बिगाड़ रखा है इसने उसे , उसकी हिम्मत तो देखो , ऐसे कैसे बोल सकती है , सिर पे चढ़ा लिया है मै बता रही हूँ , अभी भी वक़्त है संभाल लो वरना बाद में मुझसे मत कहना। औरत , औरत तो पैर की जूती की तरह होती है वो वही अच्छी लगती है सिर पे नही" इस से ज्यादा वो सह नही पाई और धीरे धीरे रोते हुए अपने बच्चे को उठाकर अपने कमरे में चली जाती है।
उसका पेट आधा ही भरा होगा शायद पर अपने बच्चे को अच्छे से दूध पिला कर वो सुला देती है। इंतज़ार करती है अपने पति के आने का और उनकी प्रतिक्रिया का ......
इस से आगे अगले अंक में ....