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Dinesh Dubey

Drama Romance

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Dinesh Dubey

Drama Romance

जब से हुआ प्यार भाग 12

जब से हुआ प्यार भाग 12

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भाग 12


सभी लोग खाना खा रहे हैं, सुमन ने उनसे नंदिनी के बाप की शिकायत कर दी थी, हरिमोहन ने तुरंत कॉल करके उसका नंबर मंगाया और प्रदीप को अपने पर्सनल नंबर से फोन करके पूछते हैं की भाई तुम लोग सड़कों पर गुंडा गर्दी करने लगे हो, तुम्हें सरकारी वर्दी लोगो को धमकाने के लिए मिला है क्या ??" प्रदीप पूछता है की आप कौन बोल रहे हैं, हरिमोहन उसे जब बताते हो तो वह हड़बड़ा कर सॉरी सॉरी बोलने लगता है, उसकी हालत खराब होती है, सुमन उनसे यह भी बताती हैं कि वह अर्पित को चाहती हैं पर वह नंदिता की वजह से उसे देखता तक नहीं, मोहिनी कहती हैं " बेटी इस मैटर पर हम कुछ नहीं कर सकते हैं, ये प्यार का मामला है, अगर वह तुम्हें चाहे और तुम्हारे प्यार में कोई दिक्कत हो तो हमें बताना पर जबरन हम किसी से प्यार नहीं करवा सकते हैं।" सभी हंसते हैं, मोहिनी अपने गले का चैन पुष्पा को देती है और कहती है मुंह दिखाई और खाने का हक पद दोनों दे दिया, पुष्पा दोनों के पैर छूती है, दोनों ही उसे आशीर्वाद देते हैं, और दूसरे दिन घर आने के लिए कहते हैं, और मिताली भी बहुत खुश होती है।"

सत्य प्रकाश प्रदीप को कॉल करता है और उसको खूब खरी खोटी सुनता है और कहता है कि, अर्पित मेरा भांजा है अगर उसको किसी ने टच भी किया तो समझ लो अगर तुम P I होकर इतनी धमकी दे सकते हो तो मैं ACP हूँ , अगर तुम दुबारा उसके आस पास भी दिखे तो तुम्हारे लिए बहुत बुरा होगा।" वह भी उसको धमका कर फोन रखते हैं, प्रदीप का दिमाग खराब हो जाता है, वह नंदिता से कहता है, " तू मेरी बेटी नहीं दुश्मन हैं, तेरे चक्कर में मेरी नौकरी दाव पर लग गई है, तू भाड़ में जा, अब मैं तेरा मुंह भी नहीं देखूंगा, कमिश्नर, और एसीपी दोनों ही मुझे धमका दिए अरे कौन है वो लड़का, तुमने सोच समझ कर लड़का पकड़ा है।" वह गुस्से में जाता है, नंदिता समझ जाती है कि यह सब अर्पित के मामा ने किया है, पर उसके मामा तो ACP हैं फिर C P को किसने बताया।"

अर्पित दूसरे दिन सुबह सुबह अपने घर पहुंचता है, उसे देख सुमन खुश हो जाती है और वह नीचे भागकर उसके पास जाकर कहती है, " हैलो अभी आ रहे हो, परसो एक पुलिस वाला यहां आकर तुम्हारे नाम पर चिल्लम चिल्ली मचा रहा था, तुम्हारे मकान मालिक को भी धमका के गया पर तुम टेंशन मत लो मैंने अपने फूफा जी जो इस समय यहां के कमिश्नर हैं उनसे बोलकर उनका दिमाग ठीक करवा दिया है, अब वह तुम्हें परेशान करने की हिम्मत नहीं करेगा।"! अर्पित उसे देखता रह जाता है, वह सोचता है कि कमाल की लड़की है, हमेशा मेरे ऊपर नजर रखे रहती है, और हमेशा मेरी सहायता भी करती रहती है, इसको क्या कहूं।"

नंदिता अर्पित का इंतजार कर रही है, अर्पित पहुंचता है, नंदिता उस से कहती है, " कमाल कर दिया तुमने मेरे पापा की बोलती बंद कर दिया, बेचारे बिन पानी मछली की तरह तड़प रहें हैं पर कुछ कर नहीं पा रहे हैं, तुमने तो A C P और C P दोनों को ही बोल दिया और दोनों ने हो पापा को डांटा है।" अर्पित कहता है " मैंने तो सिर्फ़ मामा से ही कहा था, C P से नहीं, जो भी है तुम्हारे पापा का दिमाग ठिकाने लगा ना बस और कुछ नहीं चाहिए।" दोनों कॉफी पीते हैं, और वहां से जाते हैं।"

प्रदीप ने इस मामले को सुलझाने के लिए नया विचार बना लिया था, क्योंकि बात उसके भी इगो कि हो गई थी, राजस्थानी लोग अपने इज्ज़त के लिए जान भी दे देते हैं, यहां तो उसकी पूरी की पूरी इज्ज़त दांव पर लगी थी, वह भी बात उनके बेटी की है, तो उनका रिएक्शन भी लाज़मी था, नंदिता घर पहुंचती है, तो देखती है कि घर में पैकिंग चालू है, वह परेशान होकर मां से पुछती है, " ये क्या हो रहा है, पैकिंग क्यों कर रहे हैं, हम लोग घर चेंज कर रहे हैं क्या।" सुरेश कहता है, " घर नहीं शहर चेंज कर रहे हैं, पापा ने राजस्थान ट्रांसफर करवा लिया है।" नंदिता को झटका लगता है, दरअसल प्रदीप ने अपने सीनियर को ट्रांसफर के लिए एप्लीकेशन दिया, तो पहले सत्य प्रकाश ने इस लिए क्लियर किया की वह सोचे की यह यह रहेगा ही नहीं तो भांजे को परेशान नहीं करेगा, और यही बात हरिमोहन जी ने भी सोच कर क्लीयरेंस दे दिया, इस बात से सुमन का फायदा हो सकता था पर अर्पित और नंदिता का नुकसान हो रहा था, नंदिता कहती हैं, " उसके पढ़ाई का क्या होगा।"

आगे कि कहानी अगले भाग में पढ़िए..


क्रमशः


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