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Dr Pragya Kaushik

Inspirational

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Dr Pragya Kaushik

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हर घर दिया- विजिबल विद् डिजिटल

हर घर दिया- विजिबल विद् डिजिटल

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दीवाली पर दिये ,पटाखें हो या पूजा अर्चना या पांच दिन के पर्व के सभी रीति रिवाज में अगर विशेष है तो वो है उत्साह ,प्यार और समर्पण की भावना।वो विश्वास जो याद दिलाता है रात कितनी ही अंधेरी हो ,सुबह की रोशनी उम्मीद का सवेरा जरूर लाती है।बुराई जैसे रावण पर अच्छाई जैसे श्री राम की विजय अवश्य होती है।


दिवाली पर घर पर बनने वाली मिठाई से लेकर बाजार की मिठाईयों से ,अब फिर से घर की मिठाई के जायके के सफर ने याद कराया अपनी संस्कृति और त्योहारों में घर की बनी मिठाई वाली बात कहीं नहीं।हमारे स्थानीय कलाकारों की कला और कौशल हर स्तर पर सराहनीय है।आज रीति रीवाजों के रूप बदले हैं पर मायने वही हैं।


मर्यादा पुरूषोतम् प्रभु राम के अयोध्या आगमन में दीप प्रज्वलित कर उनके स्वागत और उनके प्रति श्रद्धा और विश्वास अप्रतिम उदाहरण है सत्य की जीत और उससे प्राप्त आनन्द का ।श्री राम जैसा धैर्य और आचरण आज जी पाना ,इस जीवन की सफलतम उपलब्धि है।उनके जीवन से सम्बन्धित प्रत्येक पात्र अपने आप में एक प्रेरणा है जीवन को सर्वोच्च प्रतिमान और मान देने की।दिवाली अपनों के प्रेम और उत्सव का प्रतीक भी है।


इस दिवाली अपनों के संग या दिवाली पर वतन की मिट्टी से बने दिये और अन्य सामान से दमके ,"गो वोकल फोर लोकल" या हर घर उम्मीद का दिया,उन्नति का दिया हो ऐसा अरमान प्रस्फुटित हो कर आज अभियान बन गया सभी की खुशी का ।


धनतेरस से ले कर भाई दूज तक आज एक डीजिटल बदलाव जो आया है उसने दूर बैठे परिवारों को एकसाथ त्योहार का आनन्द लेने का अवसर दिया।साथ ही त्योहार को मनाने के रूप बदले पर उनमें निहित प्रेम के अर्थ वही हैं।त्योहार खुशियों का नव संचार कर नई ऊर्जा संचालित करते हैं आज उनका डीजिटलाईज्ड अँदाज एक अनोखा परन्तु स्वागत योग्य बदलाव है साथ ही "विजिबल विद् डिजिटल " से सामिप्य का अहसास है।


विभिन्न विज्ञापन ,लोग,संस्थान और समूह ,दिवाली पर गरीब के घर को रोशन करने का संदेश दे कर ,सद्भावना का प्रसार कर रहे हैं और हो भी क्यों ना जब दिवाली भेद नहीं करती किसी में भी तो दिवाली पर भी भेद न हो किसी से।दिवाली पर हक हर एक का है।घर घर लोकल कौशल और हुनर को विश्वस्तर तक पहुंचा कर "हर घर दिया , रोशन किया" का नेक काम कर दिवाली की खुशियों के अंदाज नए आयाम ले रहे हैं। दिवाली पर खुशी बांटने की भावना वही है।रीति रीवाजों के रूप बदले पर मायने वही हैं ,प्रेम वही है और ऐसे ही रहे ,इन कामनाओं के साथ दिवाली की अनन्त शुभकामनाएं ।




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