हमारे सपने
हमारे सपने
सपना एक ऐसा शब्द है जो हमें पूरी जिंदगी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। बचपन से हम अनेकों सपने देखते हैं, परंतु हम में से कितने लोगों के सपने आगे जाकर पूरे होते हैं? अक्सर हम अपनी राह बदल देते है या राह से भटक जाते हैं। हमें अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए अपनी इच्छा शक्ति का मजबूत करना अति आवश्यक है। उम्र के साथ बढ़ते बढ़ते हम अपने सपने भी पीछे छोड़ते चले जाते हैं।
बचपन में हम जिस विषय में दिलचस्पी लगने लगतीहै उसी में हम भविष्य देखते है। किसी चीज को पाने के लिए हमें संकल्प करके आगे बढ़ना बहुत जरूरी है। कुछ ऐसे मुख्य कारण होते हैं जिनके वजह से हमारे सपने पूरे नहीं हो पाते।
प्रथम मुख्य कारण है अपने सपनों के प्रति अनपेक्षित होना। कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है। अगर हम सोचें कि हमें आगे जाकर डॉक्टर बनना है और हम मेहनत करने की बजाय मौज मस्ती में लगे रहते है तो वह बहुत बड़ी मूर्खता है जिसका पछतावा
हमें आगे जाकर जीवन में अवश्य होता है। हमें उतना बुरा तब नहीं लगता जब हमारा देखा हुआ सपना कामयाब ना हो बल्कि जब हम अपने सपने को कामयाब करने की कोशिश ही ना करे।
इसके पश्चात बुरी संगति भी एक ऐसा कारण है जो हमें अपने सपने की ओर अग्रसर होने से रोकता है। हम अपने जीवन में अनेक प्रकार के लोगों से मिलते है जिनमें से कुछ लोग हमारे प्रति सकारात्मक सोच रखते हैं और हमें आगे बढ़ने में मदद करते हैं; और कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हमारे प्रति जलन की भावना रखते हैं और हमारे मार्ग में बाधा बनते हैं। वह लोग हमें धीरे-धीरे अपनी ओर आकर्षित करते हैं और हमें अपनी संगति में घुसा कर हमें सही राह से भटका देते हैं।
हमें कुछ भी करने से पूर्व हम एक बात अवश्य सोचते हैं कि “लोग क्या कहेंगे” या “समाज क्या सोचेगा"। यह दो बात हमेशा हमारे रास्ते में कांटे की भांति आ जाते हैं। समाज में रहने वाले लोग हमेशा हमें साहस देने की बजाय हमें हतोत्साहित करते हैं जिसके कारण हम अंदर ही अंदर घुसते हैं और हम अपने सपने को छोड़ने का निर्णय बना लेते हैं। अगर कोई आम आदमी ऊंची उड़ान उड़ने की सोचता है तो समाज अनेक प्रकार की बातें बनाता है लेकिन हमने कभी सोचा है कि अगर हम इन सब चीजों पर ध्यान ना दें और दृढ़ निश्चय करके अपने सपने की ओर बढ़े तो हम निश्चित रूप से काबिल हो पाएंगे।हमारी मेहनत और लग्न पर निर्भर करता है कि हम कितनी कामयाबी हासिल करते है।
