गरीबी
गरीबी


"शाम तो शहर में होती है मालिक , यहां गावँ में तो रात होती है हमारे घरों के टटरे मत देखो साहब हमारे गावँ के लोग ईमानदार है चोरी नही करते । फिर चोर चोरी करेंगे भी क्या फटे कपड़े ।" फिर ताऊ ने पूछा "तुम्हारे तरफ शादी कैसे होती है यहां की तरह?"
जवाब आया "नहीं ताऊ यहाँ जितने खर्चे होते हैं गाड़ी एँव नए कपड़े सजावट उतने में सारा गांव शादी कर ले ,15000 में शादी धूम धाम से होती है । उस दिन सब पेटभर छक कर खातें है । पर बिटिया के बापू पूरे जिंदगी केवल कर्ज पाटते हैं ।" ताऊ हंसने लगे फिर उनके आंखों में आंसू भी थे । गरीब के भोलेपन पर उनकी गरीबी पर भी । आज ताऊ रामू के घर पर एक शादी में गये थे । ताऊ ने ड्राइवर को बुलाया और कहा कि "गाड़ी से सामान निकाल लाओ" ताऊ ने भी रामू के बिटिया की शादी के लिए लाखों का सामान खरीद रखा था । रामू सारे सामान को देख रोने लगा बोला "साहब हमें ये समान नहीं चाहिए, ये हमारे गरीब के बस की बात नहीं, हम गरीब हैं । कल इन पैसों में कुछ पैसे होते त
ो बुधिया के बच्चे की जान बच जाती । इन सारे सामान को लेकर हम बुधिया का अपमान करेंगे ।" ताऊ ने पूछा "क्या हुआ था बच्चे को ?", रामू ने बताया बुखार और भूख से दम तोड़ दिया । बहुत मनाने पर रामू ने इस शर्त पर सामान लिया कि बुधिया की कुछ आर्थिक मदद हो जाय । ताऊ ने बुधिया से मिलना चाहा । रामू ताऊ को बुधिया के घर ले गया ,जहां वर्षो पुराना छपरा, आधा गायब सा । सूरज की रोशनी भी चीर कर चूल्हे के पास लगती टूटी चारपाई ,और पूरे से बनी आसन और कुछ टूटे फूटे बर्तन के अलावा कुछ भी नही था । ताऊ के लिए बुधिया एक नमक का टुकड़ा और टूटे से ग्लास में पानी दिया । ताऊ ने पानी पी और बिना कुछ बोले बुधिया को 1 लाख रुपये दिए और वापस घर की तरफ मुड़ लिए । रास्ते में ताऊ रो रहे थे ये सोचकर कई लाखो की कई गाड़ी में वे घूम रहे थे उतने में एक पूरा गांव गरीबी से मुक्त हो जाय । ताऊ ने प्रयास भी किया भारत के कुछ गांवों को सुधारने की पर हार्ट फेल होने से उनकी मौत हो गई । और उनका सपना भी अधूरा रह गया ।..