गांव के लड़के की प्रेम कहानी
गांव के लड़के की प्रेम कहानी
कहानी के शुरुआत दौर में जैसे सभी लोग अपने-अपने स्कूल जाते हैं वैसे ही सचिन भी अपने स्कूल जाता है सचिन एक साधारण लड़का है जो बिल्कुल सरल स्वभाव का है। जैसे सभी के स्कूल के दोस्त होते हैं वैसे सचिन के भी दोस्त थे ।उनमें से मोहन उसका प्रिय दोस्त था जो हमेशा उसका साथ देता था । यह दोनों बच्चे बहुत ही होशियार थे। तथा उनके कक्ष में पढ़ने वाली एक लड़की जिसका नाम गौरी था। यह लड़की भी बहुत ही होशियार थी ।और एक अच्छे घर से आती है तथा बहुत ही हिम्मती लड़की थी । यह भी इनकी सहपाठी के साथ-साथ अच्छी दोस्ती इन लोगों के बीच हमेशा मन के अंदर कंपटीशन की भावना बनी रहती थी। पर एक दूसरों के सामने बहुत सरल तरीके से रहते थे। और अपने घर जाकर बहुत पढ़ाई करते थे ।इन तीनों की अंग्रेजी शब्दावली बहुत अच्छी थी क्योंकि इनके स्कूल में अंग्रेजी शब्दों का अंताक्षरी होती थी। मोहन इसमें थोड़ा श्रेष्ठ था क्योंकि वह एक समझदार लड़का था और समझदार के साथ उम्र में भी थोड़ा सा बड़ा था। उनके अध्यापक एक दूसरे की कक्षा से कंपटीशन करते रहते थे जब उनकी कक्षा का कंपटीशन इनकी एक छोटी कक्षा 7 से होता है तो दोनों की कक्षाओं के बीच अच्छा कंपटीशन का माहौल होता है। यह कंपटीशन मीनिंग के अंताक्षरी पर होता है जब कक्षा 8 से मीनिंग की शुरुआत का मौका दिया जाता है तो मोहन के द्वारा अंग्रेजी अक्षर की मीनिंग की शुरुआत की जाती है यह मीनिंग का अंतिम अक्षर अंग्रेजी भाषा के y शब्द से छूटता है और इसका जवाब देने के लिए कक्षा 7 से एक लड़की खड़ी होती है ।जिसका नाम स्वाति था। यह है लड़की बहुत ही सुंदर थी। और सुंदर के साथ वह होशियार भी थी ।जैसे ही उसने बोला सभी लोग उसकी तरफ देखने लगे यह सब देखकर सचिन ने भी स्वाती की तरफ देखा और उसे स्वाति बहुत पसंद थी। क्योंकि यह एक दूसरे को पहले देख चुके थे और एक ही गांव में रहते थे ।जैसे ही स्वाती ने अपनी मीनिंग बोली और मीनिंग का अंतिम अक्षर e था ।इसका जवाब देने के लिए सचिन तुरंत खड़ा हो गया और उसने भी ऐसी मीनिंग बोली जिसका भी जिसका भी अंतिम अक्षर y था ।
और यह देखकर सभी बच्चों में शोर मच गया क्योंकि इन्होंने पहले ही प्लान बनाकर रखा था। की हर मीनिंग का अंतिम अक्षर y होना चाहिए और यह देखकर स्वाती भी खुश हुई लेकिन यह खुशी उसकी दिखावटी खुशी थी। यह देखकर सचिन के मन में अलग ही भावना जाग उठी । और उसे मन ही मन में प्यार करने लगा हूं। और कंपटीशन आगे बढ़ता गया । जिसका साथ निभाने के लिए गौरी ने भी अनेक जवाब दिए और इस तरीके से कक्षा 8 कंपटीशन में जीत जाती है जिसे देखकर सभी टीचर खुश हो जाते हैं और यह सब देखकर स्वामी ऊपर से ही मुस्कुराते हैं लेकिन उसके मन में गुस्सा आता हूं।जब यह सब देखकर सचिन ने मोहन से अपने मन की बात बोली लेकिन मोहन भी स्वाति को पसंद करता था और दोनों ने एक प्लान के बारे में सोचने लगे की स्वाती को कैसे प्रपोज किया जाए और एक दूसरे को देखकर प्लान सोचने लगे ।लेकिन मोहन को यह पता था कि यह सचिन स्वाती को प्रपोज नहीं कर सकता क्योंकि सचिन एक छोटी कास्ट से बिलॉन्ग करता था ।और मोहन एक बड़ी कास्ट का लड़का था। स्वाती भी एक बड़ी कास्ट की लड़की थी । पर मोहन सचिन को कुछ बात नहीं सकता।क्योंकि वह एक दूसरे के दोस्त थे ।और स्वाती भी सचिन को देखकर थोड़ा सा पसंद करती थी लेकिन वह बोल नहीं सकती थी। कुछ समय बाद देखा कि स्वाती एक-दूसरे लड़के से बात करने लगी ।और यह देखकर कर मोहन और सचिन को बहुत बुरा लगा ।उन्होंने देखा की विनय नाम का लड़का स्वाती के साथ बात करने लगा। स्वाती को उससे लगाव नहीं था । उसके रूपयो से था ।उसके रूपयो से लगाव रखती है और उसे अपने जाल में फसा रही है क्योंकि विनय देखने में कुछ खास नहीं था और वह है विनय के रूपयो को खूब खर्च करती थी। कुछ समय बाद मोहन और सचिन को पता चलता है कि यह एक दूसरे से रोज सुबह मिलते हैं तो उन्होंने प्लान बनाया कि इनको रंगे हाथ पकड़ा जाए ।और सुबह जल्दी आने का प्लान बनाया क्योंकि स्कूल 8:00 बजे का था और स्वाति विनय 7:00 बजे ही स्कूल आ जाते थे ।तो मोहन ने भी सोचा क्यों ना हम पकड़े और मोहन दूसरे गांव में रहता था। दुसरे दिन मोहन अपने घर से 6:30 बजे चल देता है और सचिन के घर पहुंचता है और सचिन को आवाज देता हूं लेकिन सचिन नहा धोकर तैयार होता है खाना खाने के लिए बैठा होता है। और जैसी खाना खाने बैठता है ।ऐसे ही मोहन ने आवाज लगे सचिन और यह सुनकर सचिन की मां है - उसे अंदर आने को कहा और और खाना खाने के लिए बोला। लेकिन मोहन ने मना कर दिया बोला कि वह घर से खा कर आया । जब खाना खाकर सचिन और मोहन स्कूल जाते हैं तो देखा कि स्कूल की घंटी बजने लगती है और यह देखकर मोहन और सचिन एक दूसरे के मुंह की तरफ देखते हैं और बोलते हैं की अपना प्लान चौपट हो गया।अगले दिन दोनो ने प्लान बनाया की हम अब खाना खाकर नही आयेंगे ।डायरेक्ट सीधे तैयार होकर स्कूल आएंगे और कल ने सीधा ही रंगे हाथ पकड़ने अगले दिन दोनों ने प्लान के मुताबिक काम किया।और सीधे तैयार होकर स्कूल पहुंचे लेकिन उधर देखा कि स्वाती खड़ी होकर रो रही थी। यह सब देखकर दोनों लोग स्तब्ध रह गए। लेकिन दोनों को यह है देखकर मन में बहुत खुशी हो रही थी की स्वाती रो रही है ।और मोहन ने थोड़ा मन में उदास ही लेकर स्वाति से पूछा क्या बात हुई तो स्वाती ने कोई जवाब नहीं दिया लेकिन कुछ समय बाद बोली की विनय हमारे साथ गलत करने के लिए बोल रहा है ।पर मैं ऐसा नहीं कर सकती हूं ।फिर मोहन ने कहा कि तुम्हें भी उसके साथ नहीं रहना चाहिए ।यह सब जानकर मोहन को बहुत खुशी हुई । और उसने यह बात सचिन को भी बताई दोनों ने एक दूसरे के हाथ में ताली मार कर खुशी जताई ।फिर बाद में उन्होंने प्लान बनाया की स्वाति को कैसे प्रपोज किया जाए अगले दिन मोहन उसके साथ हमदर्द हो गया और यह सब देखकर सचिन को भी अच्छा नहीं लग रहा था ।लेकिन वह कर भी क्या सकता है क्योंकि वह लोग एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त थे। जब सचिन ने अपनी कक्षा में बैठने जाता है और मोहन से कहता है कि चलो अपनी कक्षा में चलते हैं लेकिन मोहन उसे झूठ बोलकर कहता है कि तू चल मैं पानी पीकर आता हूं।लेकिन वह नल के पास स्वाती को खड़ा देखकर वंहा जाने लगता । स्वाती के पीछे पीछे गुमने लगता है। और स्वाती भी मोहन नही चाहती थी पर सचिन से क्लास का बदला लेने के लिए सचिन के जब भी बह सामने आती तो वह मोहन से बात करने की कोशिश करती और उससे झूठा हमदर्द होती। वह एक और से सचिन को नीचा दिखाने वाली थी। लेकिन सचिन भी एक साधारण लड़का होने के साथ साथ बहुत होशियार था ।उसे पता चल गया की स्वाती उसे नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है।पर अपनी सीमा के अंदर रहता था क्यों की वह जानता था की वह एक छोटी कास्ट से आता है। और अपनी काबिलियत को दिखाने के लिए एक दिन का इंतजार कर रहा था कुछ समय बाद उसे ऐसा करने के लिए एक मौका मिलता है।

