एक पाती उसके नाम
एक पाती उसके नाम
पता है !!
तुम्हें शायद यक़ीन ना आए।चलो यही मान लेता हूँ की तुम्हें यक़ीन नहीं आएगा।
आज की रात भी उन तमाम बेचैन कर देने वाली रातों में से एक है। हर वक़्त उस क़ातिल का चेहरा मेरी आँखों के सामने घूमता सा रहता है।
अगर कहें उस पागल सी मुहब्बत को पाला है मैंने, तो शायद हाँ .... सही ही है, वो भी सामने वाले की परवाह किए बग़ैर ...की ये भी की वो मेरे बारे में क्या सोचती होगी या मेरे बारे में कभी सोचती भी होगी ?
अपने दिमाग़ में ठूँस ठूँस के ये ही बैठा लिया था की अगले को मुझसे नफ़रत हो गई है और ये तेरा सोचना बिलकुल सच है।
मगर किसी कोने से ये आवाज़ भी आती थी, अरे टेन्शन मत ले यार, दुनिया गोल है ... कभी ना कभी कहीं ना कहीं गोलू की अम्माँ ज़रूर मिलेगी ।
फिर बरसों पुराने दोस्त सा उसका यूँ अचानक मिल जाना ये और भी बड़ी बात है
फिर
एक झिझक
क्या सोचेगी
क्या बोलूँ
क्या नहीं
क्या लिमिट होनी चाहिए ये सब तो और ज़्यादा बवाल मचाते हैं १५० ग्राम वाले दिमाग़ में।
ख़ैर, कहा सुनी माफ़, दिल और दिमाग़ में जो चल रहा था सब उगल दिया।
पता नहीं तुम क्या सोचोगी।
इतना कुछ लिखने के बाद आदित्य ने बिंदु के मेसेंजर पर भेजा ही था की साथ साथ स्क्रीन पर ये लिखा उभरा "बिंदु typing"
आदित्य का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा ।
क़रीब २ मिनट बाद मेस्सेज का जवाब आया
मैं गुजारी कल रात ....आज तुम भुगतो।
