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Thriller

3.4  

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Thriller

एक मेसेज कहानी ख़त्म

एक मेसेज कहानी ख़त्म

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असल जिन्दगी की यह ऐसी कहानी है, छोटे से शहर से भाग कर महानगरी मुंबई की, यहां रहने वाले पति-पत्नी खुशहांल जिंदगी जी रहै थे, लेकिन कुछ महीनों बाद पति के मोबाईल एक मेसेज के आने के बाद सब कुछ बिखरा जाता है।

मुम्बई के कॉलेज में इस प्रेम कहानी की शुरुआत हुई, श्रेया और सुभम वहीं मिले, बातचीत हुई, इसके बाद धीरे-धीरे फोन पर बातें होने लगीं और बातें प्यार में बदल गईं, कॉलेज, बहार घुमाना हर वक्त साथ में पल बिताने लगे। फिर एक दिन घरवालों ने श्रेया के लिए एक लड़का देखा, एक दिन माता पिता ने श्रेया को कहा लड़का देखने जाना है ,

उस रात श्रेया ने माता पिता कह दिया की मुझे कोई भी लड़का नहीं देखना है, और मुझे कोई शादी वादी नहीं करनी है, और श्रेयाने अपने माता पिता कह दिया की मैं सुभम से प्यार करती हूँ।  शादी करुँगी तो सिर्फ सुभम से और किसी के साथ नहीं, उस दिन श्रेया के पिता को बहुत सारा ग़ुस्सा आया गया। उसके बाद श्रेया की खूब पिटाई हुई, फिर उसको एक रूम में बंद कर दिया, पिता ने श्रेया से कह दिया की शादी होगी तेरी जो हमे पसंद है उसी से होगी, श्रेया की माता को भी खूब डॉट पड़ी पिता ने कहा माता को तूने ही बिगाड़ दिया है।

श्रेया का मोबाईल भी ले लिया और कॉलेज और घर से बहार निकलना भी बंद कर दिया था। श्रेया पूरी रात रो रही थी,

फिर थोड़े दिनों के बाद, श्रेया किसी से बात नहीं कर रही थी, बाद में श्रेया के पिता ने जो लड़का देखा था उसका नाम था आलोक,आलोक जब श्रेया को देखने के लिए आया था, तब श्रेया ने देखने को मना कर दिया था, फिर भी पापा ने बहुत डाटा तभी आलोक को देखने के लिए गई थी, उस बाद आलोक चले जाने के बाद पिता ने श्रेया को खूब समझाया की लड़का बहुत पढ़ा लिखा है। और आलोक केनेडा में अच्छी जॉब करता है। तुम भी शादी के बाद केनेडा में सेट हो जाओगी, और आलोक के माता पिता भी अच्छे है तुम्हें ऐसा लड़का नहीं मिलेगा, पिता ने श्रेया से कहा की में तुम्हारा भला चाहता हूँ तुम्हें दुखी करना नहीं चाहता,

फिर भी श्रेया ने पापा की कोई भी बात नहीं सुनी और कह दिया की मैं सिर्फ और सिर्फ शुभम से शादी करूंगी,

आलोक को वापिस केनेडा जाना था तो श्रेया के पिता जल्द ही शादी करने का फैसला कर लिया था, उस के बाद पिता ने श्रेया को मोबाईल दिया और कहा की आलोक से बात करो और जो कुछ पहले था वो सब भूल जाओ, और हां आलोक को कुछ भी सुभम के बारे में नहीं बताना,

जैसे ही श्रेया को मोबाईल मिला कि शुभम को फोन किया और रोते रोते सारी बातें बताई और कहा की पापा किसी और के साथ जल्द ही शादी करवा देंगे, मैं तुम्हारे बिना नहीं रह पाऊँगी, शुभम, तुम कुछ करो, नहीं तो मेरी शादी हो जाएगी, शुभम ने कहा पहले चुप हो जाओ, फिर श्रेया ने शुभम से कहा की चलो भाग कर शादी करने का फैसला किया,

एक दिन श्रेया के पिता घर पर नहीं थे तब माता अकेली थी, उस समय पे श्रेया ने माता को कहा कुछ काम है जल्दी ही आ जाऊँगी कह कर घर से बहार निकली और शुभम ने बताया था वैसे ही उसे के साथ श्रेया भाग गई। और शुभम ने पहले से दोस्तों से बात कर ली थी, मुंबई में चुपचाप दोस्तों की मदद से एक मंदिर में श्रेया और शुभम ने शादी कर ली, वही कोर्ट में रजिस्टर भी करा लिया, इसके बाद घरवालों खूब ढूंढा पर दोनों कहीं मिले नहीं,

शुभम के दोस्तों ने मुंबई एक फ्लेट ले लिया था वही रहने गले। श्रेया और शुभम अच्छा पढ़े लिखे थे इस लिए शुभम थोड़े दिनों के बाद मुबंई में ही अच्छी कम्पनी मे मैनेजर की जॉब भी मिल गई थी, शुभम को जॉब मिलते ही श्रेया खुश और सब कुछ अच्छा चल रहा था। दोनों के बीच में झगड़े से ज्यादा प्यार बहुत था क्युकी दोनो एक दूसरे को समझते थे।

कई महीने गुजर गए,फिर एक दिन शुभम की कंपनी ने गेट टू गेदर की छोटी सी पार्टी थी, वहां शुभम और श्रेया भी गए थे, शुभम ने सभी कपंनी के एप्लॉयर्स से श्रेया को मिलवाया था। पार्टी में शुभम को देख के श्रेया खूब खुश थी, पार्टी में सब कुछ ठीक चल रहा था। तभी एक खूबसूरत दिखने वाली रूपवान युवती की एंट्री होती है ,वो कौन है ? वो पार्टी में क्यों आई? शुभम वो जानती है ? क्या शुभम और श्रेया रिश्ते में दरार कैसे आई? एक मेसेज से क्या हुआ होगा? पढ़ते रहे



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