एक छोटा पौधा
एक छोटा पौधा
चीनू भागा- भागा आता है। और मां से एक खाली बोतल मांगता है। मां पूछती है, क्या करनी है तूने बोतल।
नहीं आप दो मुझे अभी चाहिए। वह बच्चों जैसी जिद करता है। अच्छा बताओ तो सही। निधि पूछती है।
मैंने स्कूल की एक्टिविटी बनानी है। यह कहकर निधि,उसके लिए बोतल ढूंढने किचन में चली जाती है और उसे एक खाली बोतल देती है ।यह लो अब बताओ क्या करना है?
आप मुझे दे दो बोतल और बोतल। लेकर चीनू भाग जाता है। निधि चाय बनाने लग जाती है। चाय बना के दोबारा ड्राइंग रूम में जाती है और टीवी पर न्यूज़ देख रहे मोहित को चाय देती है और खुद भी वहीं बैठ जाती है।
क्या हुआ ? कुछ नहीं चीनू बोतल मांग रहा था खाली। चाय पीते -पीते, निधि का ध्यान खबरों की तरफ जाता है। यहां देश में बढ़ रही कचरे की समस्या पर चर्चा चली हुई थी प्लास्टिक बॉटल्स, बैग पर बार-बार पाबंदी लगने पर भी कचरे के ढेर में कोई अंतर नहीं आया था।
चाय पीने के बाद जैसे उसका ध्यान। चीनू की तरफ गया तो उसे याद आया कि वह बोतल लेकर गया हुआ है उसे ढूंढने के लिए। इधर-उधर जाती है लेकिन उसे कहीं नहीं मिलता फिर वह बालकनी की तरफ जाती है। और देखती है कि चीनू ने गमले में से मिट्टी निकाल निकाल कर कुछ मिट्टी फर्श पर और कुछ मिट्टी उस बोतल में भर रखी है।
यह क्या कर रहे हो क्यों गंद डाल रहे हो। निधि चीखती है। यह क्या कर रहे हो गमलों में से मिट्टी क्यों निकाल दी।
निधि ने गुस्से वाले स्वर से चीनू को डांटते हुए कहां? मां में एक्टिविटी कर रहा हूं यह कौन सी एक्टिविटी है? गंद डालकर रख दिया कभी इधर गंद डाल देते हो कभी उधर। यह पौधे खराब नहीं हो जाएंगे जिनको तूने मिट्टी निकाली है। मां मैंने सब में से थोड़ी थोड़ी निकाली है। मुझे कहीं भी मिट्टी नहीं मिल रही थी।
मिट्टी की बात सुनते ही निधि को ध्यान आया कि हम शहर में रहकर अपनी ही मिट्टी से कितने दूर हो गए हैं। हमारे बच्चे गमलों में मिट्टी देख रहे हैं। क्या करनी है तूने मिट्टी मां आज टीचर ने स्कूल में बताया कि सबको पेड़ लगाने चाहिए पौधे लगाने चाहिए। तो सभी को एक-एक पौधा गिफ्ट में मिला है।
टीचर ने कहा ,प्लास्टिक की बोतलों का यूज करने के लिए आप सब उसको बीच में से काटकर उसमें छोटे-छोटे पौधे लगाओ। इससे खाली बॉटल्स का भी यूज़ हो जाएगा और प्लांटेशन भी छोटे-छोटे प्लांट्स लगाकर। निधि चीनू की बात। सुनकर ,हैरान रह गई। बच्चे ने कितना बड़ा सबक दे दिया था। हम गमले में पौधे लगा कर खुश हो जाते हैं। और जंगलों को काट- काट के , कभी यह नहीं सोचते कि हम प्रकृति का कितना बड़ा नुकसान कर रहे हैं ?
आज एक छोटे पौधे ने उसे जीवन का बहुत बड़ा पाठ पढ़ा दिया था।