Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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Swati Sharma

Inspirational

5.0  

Swati Sharma

Inspirational

एक और एक ग्यारह

एक और एक ग्यारह

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बात उन दिनों की है जब छवि बहुत छोटी थी। पापा का जॉब इतना अच्छा नहीं था बस रोटी ही खा पाते थे। माँ भी जॉब करती थी वो एक टीचर थी। धीरे धीरे जीवन चल ही रहा था। फिर पता चला कि घर में कोई नन्हा मेहमान आने वाला है। छवि को बताया गया कि तुम्हारा कोई छोटा भाई बहन आने वाला है। घर में सभी खुश थे और 22सितम्बर को छवि के भाई ने जनम लिया। दोनो भाई बहन साथ में ही बड़े हुए। शिक्षा भी माँ पापा ने जैसे तैसे करायी ।

अब दोनों को बाहर भेजने की बात आयी। इतना पैसा नहीं था कि दोनो को बाहर भेजा जा सके। माँ पापा ने परिवार में बात करी और उधार पैसा मांगा पर किसी ने एक रुपया तक नही दिया। माँ पापा बहुत उदास हुए पर हिम्मत नहीं हारी।

छवि बड़ी थी उसको पहले ऐडमिशन लेना था तो शोभित(छवि का भाई)ने छोटी मोटी नौकरी की जो पैसा मिलता वो छवि को भेजता साथ अपनी पढ़ाई भी करता,तब माँ कहती तुम दोनो दो नहीं एक और एक ग्यारह हो।

हमेशा अपने खून पर भरोसा करो और उनकी ताकत बनो ना कि कमजोरी। आज छवि एक अच्छी पोस्ट पर है और शोभित एक मल्टीनेशनल कंपनी में है। दोनों भाई बहन ने एक दूसरे का साथ दिया। तभी दुनिया से लड़ पाये और मंजिल को पा सके । यह है एक और एक ग्यारह की ताकत।


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