दिल की तमन्ना
दिल की तमन्ना


शाम होने वाली थी ..
हर रोज़ की तरह इंतज़ार बढ़ता गया ,
क्योंकि वो अक्सर शाम को ही घर आता था ।
और रोज़ की तरह उस शाम भी वो आया ..
पर उस दिन भी हम उससे
अपने प्यार इज़हार न कर सके ..
दिल की तमन्ना दिल में ही घुटकर रह गई ।
शाम होने वाली थी ..
हर रोज़ की तरह इंतज़ार बढ़ता गया ,
क्योंकि वो अक्सर शाम को ही घर आता था ।
और रोज़ की तरह उस शाम भी वो आया ..
पर उस दिन भी हम उससे
अपने प्यार इज़हार न कर सके ..
दिल की तमन्ना दिल में ही घुटकर रह गई ।