ध्यान दें!
ध्यान दें!
जिसने स्वयं को राष्ट्रहित कर दिया अर्पित,
कष्ट सहकर, प्राण देकर खुद समर्पित।
त्याग कर मोह जीवन का लड़े जो,
कठिनतर कठिनाइयों से डट बढ़े जो।।
आज मन से उन्हें अभिज्ञान कर लें,
आँख मूँदे, हाथ जोड़ें ध्यान कर लें।।
खुद बढ़े, सबको बढ़ाया जोश भरकर,
तानकर सीना खड़े जो लोग डटकर।
हिंद को आजाद करने की शपथ ले,
गोलियाँ भी खा लिए निर्द्वंद्व होकर।
उनके बलिदानों का हम अनुमान कर लें,
आँख मूँदे, हाथ जोड़ें ध्यान कर लें।।
मिट जाए हम इस लोक से या प्राण का उत्सर्ग हो,
कंकड़ कटीले रास्ते हों, नरक हो या स्वर्ग हो।
कष्टदायक यातना उलझन हमें स्वीकार है,
भारत सदैव उन्नत रहे, अंतिम यही विचार है।।
सशक्त भारत के निर्माण का प्रतिज्ञान कर लें,
आँख मूँदे, हाथ जोड़ें ध्यान कर लें।।