धन्य है बसंती.....
धन्य है बसंती.....
बसंती का नृत्य श्वान समुदाय में अति प्रचलित है...बसंती के नृत्य को देखकर श्वान और ऊनके साथी आनंदमग्न ऐव प्रफुल्लित हो जाते हैं।
श्वान समुदाय में बसंती के नृत्य का बडा़ आदर है...धन्य है यह नारी बसंती जिसने वीरू की प्रेयसी होने के बावजूद वीरू के व्यंग भरे वाक्य.."बसंती इन कुत्तो के सामने.मत नाचना" की अव्हेलना की...और श्वान पशु समाज़ के मनोरंजन के अधिकारों का मान रखा...और जलते सुर्य के नीचे...अति आक्रमक गर्मी..में पत्थर पर अपने चरण कमलों से अप्रतिम नृत्य का प्रमाण दिया...
परंतू वीरु ने बसंती को श्वान समूदाय के सामने नृत्य ना करने से मना किया ये कहकर बसंती इन कुत्तो के सामने.मत नाचना" ..और भी वाक्य जो व्यंग भरे है जैसे कुत्ते की मौत... ईत्यादि...से श्ववान समूूदाय अत्यंत आहत हैै....।
श्वान समूदाय की यही ईच्छा है की ऊनके मनोरंजन का भी ध्यान रखा जाऐ...जो केवल बसंती जैसी महान नारी ने.समझा...धन्य है बसंती...धन्य है बसंती का नृत्य और गीत....।
