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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy Romance

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy Romance

धारावाहिक : बहू पेट से है

धारावाहिक : बहू पेट से है

4 mins
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भाग - 8 : खुशखबरी 


जब लाजो जी ने कहा कि बिल्ली दही पर जमी मलाई चट कर गई है और लाजो जी उस दही को चौधराइन को भिजवाने को कह रही है। तो चौधराइन को बड़ा बुरा लगा। मगर उन्होंने कुछ कहा नहीं। मन मसोस कर ही रह गई । पर उन्हें आश्चर्य हो रहा था कि लाजो जी ने अभी तक यह नहीं पूछा कि यह "घाट की राबड़ी" किस उपलक्ष्य में बनाई है। लगता है कि लाजो जी बातों बातों में भूल गई हैं। पर जब तक वे कारण सुना नहीं दें तब तक उनके पेट में "आफरा" आता ही रहेगा। इसलिए चौधराइन ने कहा 

"तुमने यह नहीं पूछा कि ये "घाट की राबड़ी" किस उपलक्ष्य में बनाई है?"

"अरे दीदी ! साॅरी, साॅरी। बातों बातों में मैं तो भूल ही गई थी। अब बताओ कि क्या खास बात थी कि जिसे "घाट की राबड़ी से सेलिब्रेट किया आपने?"


शीला चौधरी ने चहकते हुए कहा "बात ही कुछ ऐसी है कि तुम भी सुनोगी तो खुश हो जाओगी।" 

"तो जल्दी से सुना दो ना दीदी। इतना सस्पेंस क्यों जनरेट कर रही हो ? बेटी का रिश्ता तय कर दिया है क्या कहीं पर?"

"अरे कहां लाजो जी , वो तो मानती ही नहीं है अभी। कहती है कि अभी तो 26 की ही हुई हूं। कम से कम तीस की तो होने दो न।" मुंह बिचकाते हुए चौधराइन ने कहा।


"हमारी तो 21 साल की उमर में ही शादी कर दी थी हमारे घरवालों ने। 22 पूरे होते होते तो मैं प्रथम की मां भी बन गई थी। हमारी टीया भी बहुत नौटंकी कर रही है शादी को लेकर। वो भी ऐसा ही कहती है। पता नहीं क्या हो गया है आजकल की लड़कियों को ? कैरियर की चिंता ज्यादा है फैमिली की नहीं। पता नहीं कहां जा रहा है जमाना" ? लाजो ने उनसे हमदर्दी जताते हुए कहा।


बातों का रुख फिर से अलग दिशा की ओर मुड़ गया था। असल बात तो पीछे छूटी जा रही थी जो चौधराइन सुनाना चाह रही थी। इसलिए चौधराइन गाड़ी को पटरी पर डालते हुए जल्दी से बोल उठी 

"अरे वो हमारी बहू है न, मेघांशी" 

"क्यों , क्या हो गया उसे?"

"कुछ नहीं हुआ उसे। उसे होना क्या था ? जो होना था वह होने वाला है अब। समझ गईं ना। नहीं समझीं ? अरे, वो पेट से है। बस , इसी खुशखबरी पर तो "घाट की राबड़ी" बनी थी कल।" और वे फुल मूड में हंसने लगीं।


ये खबर सुनते ही लाजो जी का कलेजा धक्क से रह गया। "चौधराइन के बेटे यश की शादी तो अभी दो साल पहले यानि प्रथम लॉकडाउन से पहले ही तो हुई है और उसकी बीवी पेट से भी है ? वाह जी वाह। बड़ी जल्दी "गुड न्यूज" सुना दी उन्होंने तो। हमारी रितिका को तो पूरे पांच साल हो गए, मगर अभी कोई "गुड न्यूज" कहीं दूर दूर तक नजर नहीं आ रही है।" ईर्ष्या से उनकी आंखों से चिंगारियां निकलने लगी। वो तो चौधराइन सामने नहीं थी वरना लाजो जी का चेहरा सब कुछ कह रहा था कि उन्हें कितनी खुशी हो रही है। 


जब बहुत देर तक चौधराइन को लाजो जी की आवाज सुनाई नहीं दी तो वो बोलीं "अरे, कहां खो गई लाजो जी ? खुशखबरी पसंद नहीं आई क्या ? कुछ कहा नहीं आपने इस खुशखबरी पर" ? झल्ला कर चौधराइन बोली।


चौधराइन की बात सुनकर लाजो जी को एकदम करंट सा लगा। कितनी मूर्खा है वह , उसने मन ही मन सोचा। मन में चाहे ईर्ष्या की कितनी भी कड़वाहट क्यों ना हो मगर होठों पे तो मिसरी होनी ही चाहिए ना। यही तो दुनियादारी है। ऐसा सोचकर दुनिया भर की शक्कर मुंह में घोलते हुए लाजो जी कहने लगी 

"अरे दीदी, यह तो बहुत बढिया खबर सुनाई है आपने। अब तो आप दादी अम्मा बनने वाली हैं। आज तो आपने दीवाली सी मना दी है हमारी भी। पर इतनी बड़ी खुशखबरी पर ये "घाट की राबड़ी" ? ऐसी झन्नाटेदार खबर पर तो रसमलाई , रबड़ी लच्छेदार वगैरह होनी चाहिए थी। और आप कहां घाट की राबड़ी पर आकर अटक गई ?"


"हमारे चौधरी साहब को बहुत पसंद है घाट की राबड़ी। उनकी आत्मा बस्ती है इसमें। उन्होंने ही कहकर बनवाई है। बहू तो सूंघती भी नहीं है इसे। उसे तो बर्गर , पिज्जा नूडल्स ऐसी चीजें चाहिए ।" मुंह बनाते हुए चौधराइन बोली।


"अब थोड़ा परहेज करना पड़ेगा दीदी। नहीं तो मुसीबत हो सकती है। डाइट का चार्ट बनेगा और बस वही चीजें खानी पड़ेंगी जो डॉक्टर कहे। बाकी तो भाईसाहब डॉक्टर हैं ही। सब संभाल लेंगे वे।" 

"सही कह रही हो लाजो जी। उनके कहने से ही तो ये घाट की राबड़ी बनाई है। कह रहे थे घाट की राबड़ी खाने से बच्चा "कूल" और गोरा चिट्टा बनता है। छाछ राबड़ी मिलकर एकदम सफेद झक्क दिखाई देते हैं। वैसे ही छाछ राबड़ी खाने से बच्चे भी गोरे ही पैदा होते हैं। कह रहे थे कि लालू जी की पत्नी राबड़ी देवी भी गोरी भूरी थीं। इसीलिए उनका नाम राबड़ी रखा गया था। तो उन्होंने बहू का डाइट चार्ट बना दिया है। अब वही संभालेंगे उसे।" 


लाजो जी को फोन पर लटके हुए बहुत देर हो गई थी। अमोलक जी इंतजार कर रहे थे कि कब ये फोन रखे और कब उन्हें घाट की राबड़ी परोसी जाये। उन्होंने इशारों से बता दिया कि पहले छाछ राबड़ी परोस दो , फिर खूब बातें कर लेना। 


लाजो जी भी अब बोर हो गई थी इसलिए उन्होंने भी फोन रख दिया। 



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