डरावनी कहानी

डरावनी कहानी

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शहर से दूर एक छोटे से गाँव में मैं मेरे भाई ने एक ज़मीन खरीदी थी, सोचा था की वहां एक फार्म हाउस बनायेंगे। लेकिन उनके साथ एक ऐसा भयानक हादसा हुआ कि वो अब पागल हो चुका है। बात उन दिनों की है, जब हम लोग शहर में रहते थे और कभी-कभी दूर दराज़ के गाँव में पिकनिक मानाने जाया करते थे। लेकिन हम लोगों को शाम को लौटना पड़ता था। फिर हम सब ने गाँव में एक फार्म हाउस बनाने की सोची, फिर कुछ दिनों के बाद मेरे भाई ने गाँव में एक ज़मीन खरीदी।

इसके कुछ दिन बाद हम सब लोग वहां भूमि पूजन के लिए पहुंचे, वहां पूजा भी हुई और फिर काम शुरू हुआ, हम लोग भी वहीँ थे। JCB मशीन खुदाई कर रही थी, की अचानक खुदाई के दौरान एक बड़ा सा बक्सा मिला, वो बक्सा बहुत ही अजीब सा दिख रहा था। मेरे भाई ने उस बक्से को खोलने की बहुत कोशिश की, कुछ देर मेहनत करने के बाद आखिर कार वो बक्सा खुल ही गया। जब तक बक्सा नहीं खुला था, तब तक हम लोगों को लग रहा था कि इसमें खजाना होगा, लेकिन ऐसा नहीं था, उसमे कुछ भी नहीं था।

जब बक्सा खुला तो उसमें सिर्फ एक बहुत पुरानी कांच की बोतल थी और कुछ कपड़े थे। ये सब देख सब हंस रहे थे, मेरे भाई को गुस्सा आया और उसने उस कांच की बोतल को फोड़ दिया, जैसे ही वो बोतल फूटी, कुछ अजीब सा उस बोतल से निकल कर बाहर को आया और ग़ायब हो गया। हम लोग थोड़ा डर से गये, लेकिन हमे अपना वहम लगा, इसके बाद फिर से काम शुरू हो गया। अब शाम होने की आई थी, हम लोग वापस घर जाने के लिए निकल पड़े। रास्ते में हम लोगों के साथ कुछ अजीब-अजीब सी घटनाएँ हो रही थीं, जैसे की हम लोग रास्ता भटक गए, कभी एक दम से तेज़ हवा चलने लगी।

जब हम लोग अपने घर पहुंचे तो हम सब की दिल की धड़कन ही बंद हो गई, हमारे सामने एक बहुत बड़ा सा डरावना आदमी खड़ा था, उसके मुंह से खून निकल रहा था और उसका एक पैर नहीं था और वो हवा में खड़ा था, हम सब बहुत ज्यादा डर गये थे, वो डरावना आदमी अपने बड़े-बड़े नाखूनों से मेरे भाई को उठाया और बहुत ही भयानक आवाज़ से बोला कि ,”तू ने ही मेरे घर को तोड़ा है अब मैं तुझे नहीं छोडूंगा” उसके इतना बोलने के बाद उसने मेरे भाई की ज़मीन में पटक दिया।

उस डरावने आदमी के कान बहुत बड़े थे और उसका सर बहुत छोटा सा। देखने में वो बहुत ही ज्यादा डरावना था, इसके कुछ देर बाद वो वहां से चला गया, मेरे भाई अब कुछ अजिबो गरीब हरकतें करने लगे, हमें समझने में समय नहीं लगा की ये अब पागल हो चुके हैं। वो सिर्फ चिल्लाते रहे थे की मुझे छोड़ दो मुझे छोड़ दो, मानो की जैसे कोई उन्हें मार रहा हो। इसके बाद हम लोगों ने उस ज़मीन के काम को रोक दिया और उसे बेचने की तैयारी करने लगे, लेकिन आज तक उस ज़मीन का कोई भी ख़रीदार नहीं मिला और मेरे भाई आज तक ठीक नहीं हो पाए।


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