चूरन की डिबिया
चूरन की डिबिया
मैने गुप्ता जी (जो दो साल पहले चूसे आम जैसे थे) को मुस्कराते हुए कहा पत्नी के पेट दर्द क़ी दवा लेने पास के मेडिकल स्टोर पर पहुँचा तो देखा, पांडे जी कुछ दवा ले रहे थे| पांच सौ का नोट बढ़ाकर दुकानदार गुप्ता जी को दिया और बोले -
"भाई 2 डिबिया खाने के बाद काफ़ी आराम है|"
गुप्ता जी ने दवाई पांडे जी के हाथ में दी I दवाई की डिबिया जेब मे डालते हुए पांडेयजी बोले -
“जल्दी से घर पहुँचकर धर्म पत्नी जी को देना हे, मुझसे ज़्यादा बुरा हाल उनका है|”
फिर नमस्कार करके पांडे जी चलते बने|
"क्या बात है गुप्ता जी चमक आ गई है I बाटा क जूते, रीबॉक की टी शर्ट; लगता है आयुर्वेदिक दवाइयों की बिक्री बढ़ गई है|"
गुप्ता जी ने शरमाते हुए जवाब दिया "अरे नही साहब ऐसा कुछ नही है, यह सब तो सत्य पाचक चूरन का कमाल है| जैसे ही खपत बढ़ी, हमने भी दाम दो गुने कर दिए|”
मैने हैरानी से गुप्ता जी की तरफ़ देखा और पूछा “यह कौन सा नया नुस्ख़ा है?”
गुप्ता जी बोले “यह सबसे ज़्यादा चल रहा है आजकल| अभी आपके सामने ही पांडे जी लेकर गये| इनके पड़ोसी के लड़के ने घर पर पढ़ाई करके आई आई टी(IIT) क्लियर कर लिया और इनका बेटा 2 साल से कोटा मे इनकी दो नंबर की कमाई उड़ा रहा है, जबसे रिज़ल्ट आया है घर पर मातम पसरा है| कल 2 डिबिया ली चूरन की , तबसे बता रहे है थोड़ा आराम है I
और सुनिए, अपनी सोसायटी के शर्मा जी का तो और भी बुरा हाल है, खुद अपने बॉस को सुबह शाम सलामी देते रह गये, वहीं उनकी टीम के जूनियर का प्रमोशन हो गया| एक हफ्ते से पेट मे तूफान आया हुआ था, सुबह 4 चम्मच खाया तो, थोड़ा चैन आया है!"
मैने भी और जानने के लिए पूछा - "बस इतने मे तो रीबॉक की टी शर्ट नही आ सकती गुप्ता जी! "
मेरे कुछ और बोलने से पहले ही गुप्ता जी तपाक से बोले "अरे साहब यह तो चिल्लर बताया है मैने आपको, असली फ़ायदा तो हमें राजनैतिक क्रांति से हुआ है|"
मैने पूछा "वो कैसे गुप्ता जी?"
गुप्ता जी तल्लीनता से बोले " केजरीवाल जी के भक्तो से धंधे की रेग्युलर इनकम है I उनका हर डिसीजन पचाने के लिए भक्तो को इसका सेवन आवश्यक है, नही तो हाजमा सुधरता ही नही है|"
मैने पूंछा "ऐसा"?
गुप्ता जी "जी हाँ! पर एक वाक़या याद करके तो मेरा मन उमंग से भर जाता है, क्या कमाई थी उन दिनो!"
मुझसे रहा ना गया "कौन से दिन गुप्ता जी, ज़रा खुलकर बताइए?"
गुप्ता जी "आपको भी याद होगा, जब भा ज पा (BJP) ने किरण बेदी जी को सी एम केनडिडेट बनाया था|"
मैने सहमति जताई " हाँ याद है! पर तब ऐसा क्या हुआ था?"
गुप्ता जी हैरानी से मेरी तरफ देखते हुए "क्या हुआ साहब!! सारे मोदी भक्तो को दस्त लग गयी थी| एक महीने तक लगातार सेवन के बाद ही रुके थे | बहुत दुखी थे बेचारे, पाचन शक्ति बहुत गड़बड़ा गई थी सबकी| धर्म संकट मे जो थे, जिस मुँह से अन्ना जी के समय गालियां देते थे, उसी से जयकारे कैसे लगाते बेदी जी के|"
मैने समर्थन में सिर हिलाकर कहा "हाँ बहुत मुश्किल दिन रहे होंगे| पर अब तो खपत कम हो गई होगी?"
गुप्ता जी की आँखे चमक गई "अरे नही साहब, जबसे नीतीश जी ने लालू जी से हाथ मिलाया है तब से धंधे मे चार चाँद लग गए है| सारे सुशासन बाबू के भक्त चूरन का भरपूर लाभ ले रहे है|"
मेरा ध्यान घड़ी पर गया "अरे गुप्ता जी बहुत लेट हो गया, घर पर श्रीमती जी इंतज़ार कर रही होंगी|"
मैने झट से जेब मे हाथ डालकर 500 रुपये निकाले और गुप्ता जी को देकर कहा "एक डिबिया मुझे भी दे दो चूरन कीI जबसे पड़ोसिन ने डबल डोर रेफ्रिजरेटर लिया है, देवी जी के पेट मे बहुत तेज़ दर्द हो रहा है |"
मैं गुप्ता जी से 'सत्य पाचक चूरन' की डिबिया लेकर घर की ओर बढ़ गया|
