बलात्कार
बलात्कार
"अरे भय्या क्या हुआ?"बस में बैठे कुछ लोगों ने अचानक शोर करना शुरू कर दिया।ड्राइवर ने कहा के गाड़ी बंद हो गई है,बस में जो कुछ यात्री बचे थे बस से उतर गए,चूंकि गाड़ी अपने आखरी स्टॉप से 15 की.मि. पहले ही बंद हो गई थी इस लिए यात्रियों ने अपना अपना रास्ता ले लिया।और जैसे तैसे घर की तरफ रवाना हो गए।उन यात्रियों में केवल एक ही औरत थी जो अपने डेढ़ साल के बच्चे के साथ सफर कर रही थी,अकेली बच गई,जिसे अभी और 30 कि.मि. का सफ़र तय करना था।
जैसे तैसे वो क़रीब के गांव पहुंची,जहाँ पर गाड़ियाँ आते जाते रुका करती थी,मगर उस वक़्त रात के 11 बज चुके थे और दूसरी बसें जो उसके गांव की तरफ जाती थी,एक भी नहीं थी।वो औरत परेशान हो गई के अब क्या करूँ।गांव में कुछ होटलें शुरू तो थीं बहोत से लोग भी थे,कुछ कारें भी वहाँ खड़ी थी मगर उसकी हिम्मत नहीं हुई के वो उनसे कह सके।
अचानक वहां पर एक ऑटो रिक्शा आया,और वो औरत घबराई हुई उस ऑटो वाले के पास पहोंची।और उसे अपनी रूदाद सुनाई।मगर रिक्शे वाले ने उसे ले जाने से इनकार कर दिया और कहा के उसके रिक्शा में उतना पेट्रोल नहीं है के वो उसे उसके गांव तक छोड़ सके।उसने बहोत मिन्नत समाजत की,मगर रिक्शे वाले ने उसे दिलासा दिया और कहा के आप रुक जाईये बस आती ही होगी।थोडी देर इंतेज़ार कीजिए।उस औरत की घबराहट और परेशानी उसके चेहरे से साफ़ दिखाई दे रही थी।उसने कहा के वो लग भग 2.30 घंटे से इंतेज़ार कर रही है ,मगर अभी तक कोई गाड़ी नहीं आई।रिक्शे वाला शरीफ इंसान था उसने अपने पास का पानी उसे पिलाया और अपने रिक्शा में इतमीनान से बैठ कर इंतेज़ार करने के लिए कहा।कुछ देर इंतेज़ार करने के बाद वहां पर एक लग्ज़री बस आ कर रुक गई।रिक्शे वाले ने गाड़ी के कंडक्टर से बात की और उस से इल्तेजा की के वो गाड़ी को उसके गांव के पास रुका दे।और उस औरत को इतमीनान दिलाया के अब बेफिक्र हो कर घर जाइए।तब कहीं जाकर उस औरत को सुकून आया।
मगर उस अकेली और परेशान औरत पर ढाई घंटे तक कई वहशी आंखें एक साथ टूट पड़ीं ,और उसे अपनी हवस का शिकार बनाती रही,उसका बलात्कार करती रहीं।
