बारिश की रात। अकेला बच्चा। और उसके गले का निशान छुपा रहा था राजसी रहस्य। विक्रांत की वापसी सत्ता में तूफ़ान लाएगी और खेल जो अब बदलने वाला है। कोई रोक नहीं पाएगा। यह कहानी पूर्णता काल्पनिक है इसके कॉपीराइट अधिकार लेखक के अधीन है
बारिश की रात। अकेला बच्चा। और उसके गले का निशान छुपा रहा था राजसी रहस्य। विक्रांत की वापसी सत्ता में तूफ़ान लाएगी और खेल जो अब बदलने वाला है। कोई रोक नहीं पाएगा। यह कहानी पूर्णता काल्पनिक है इसके कॉपीराइट अधिकार लेखक के अधीन है
बारिश की रात, जब दुनिया सो रही थी, एक अकेला बच्चा विक्रांत सड़कों पर खड़ा था उसके गले का निशान राजसी मगर कोई पहचान नहीं ना तो पहचान का मोहताज था वह निशान फिर भी उसे कोई पहचान नहीं पा रहा था फिर भी कोई नहीं जानता था कि यह नन्हा मासूम, खोया हुआ वारिस है प्रधानमंत्री का, कौन है और उसकी आँखों में भविष्य का तूफ़ान छिपा था। मगर उसे मुख्यमंत्री मोहनदास ने उसे अपनाया, क्यों यह राजनीति में आने वाले अनंत संघर्ष और शक्ति की कथा की शुरुआत थी। विक्रांत की वापसी वह तूफ़ान है जिसे कोई रोक नहीं पाएगा।
यह कहानी पूर्णता काल्पनिक है कॉपीराइट अधिकार लेखक पास है
