अम्मा
अम्मा
आज पूरे तीन महीने हो गए, तुमको गए हुए। इतनी भी क्या जल्दी थी अम्मा ? साल 2020, जनवरी की आज पहली तारीख है। मेरे जन्म के बाद ये पहला साल होगा, जब तुम पास नहीं मेरे। इतनी भी क्या जल्दी थी मरने की? वो शाम याद है मुझे ,आठ या नौ बजे होंगे शायद, जब मैं मिल के गयी तुमसे। तुम बहुत खुश थीं, बहुत फिरकी ली तुमने मेरी। फिर मुझे फिरकी देके क्यों चली गई? मुझे समझ में नहीं आता इस मौत में ऐसी क्या कशिश है जिसकी मुहब्बत, एक माँ को अपने बच्चों से जुदा होने पे मजबूर कर देती है। जरूर ये आखरत का नशा अलग ही होगा, के मुझसे बिछड़ने में ज़रा भी न सोचा तुमने। ये अकेलापन जो मैं महसूस कर रही हूँ, क्या उस दुनिया में तुम भी ऐसा ही महसूस कर रही हो मां ?