अभागन
अभागन
डॉली नाम की एक लड़की थी, जो अपने माता पिता और दो भाइयों के साथ अपने गाँव में रहती थी।
दादा-दादी , चाचा-चाची और अपने भाई बहनों के साथ हँसी खुशी अपना जीवन व्यतीत करती थी, घर में सबसे बड़ी लड़की डॉली ही थी, सभी प्यार से उसे गुड़िया बुलाया करते थे। वो देखने में डॉल की ही तरह थी, फुले फुले गाल, प्यारी बोली और हँसमुख स्वभाव की, सबसे घुल मिलकर रहने वाली।
घर से थोड़ी दूर उसका कॉलेज था, वही से वो अपना पढ़ाई करती थी, पढ़ाई में भी वो अच्छी थी, थोड़ी नटखट थोड़ी समझदार।
एक बार वो अपने माँ पापा के साथ किसी रिश्तेदार के शादी में गयी थी, वहाँ एक लड़का मिला, जिसका नाम रौनक था। जिसे वो बहुत पसंद आयी, दोनों में बातचीत शुरू होने लगी, लड़का आर्मी में था, और कुछ दिनों के लिए घर आया था। दिन बिता महीने बीते, दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे , और ये बात घरवालों को पता चली, कुछ समय तो घर वाले गुस्सा रहे क्योंकी लड़का दूसरे जाति का था। बहुत मुश्किलों से दोनों की शादी हुई।
शादी के दो महीने हुए रौनक अपने काम पे वापस गया , एक दिन ख़बर आयी की आतंकवादियों से मुठभेड़ में उसके पति की मृत्यु हो गयी, ये खबर सुनते ही वो बेहोश हो गयी, उसकी मानो पूरी दुनियां एक पल में ही उजड़ गयी। तभी पता चला की वो माँ बनने वाली है, भाग्य ने कैसा खेल खेला , अभागन हो गयी, चहकने वाली लड़की शांत और उदास हो गयी।
पर अपने बच्चे के लिए उसे जीना था, उसे अच्छी जिंदगी देने के लिए।
उसने दुसरी शादी नहीं की , क्योंकि वो रौनक को बहुत प्यार करती थी, किसी और के बारे में वो सोच भी नहीं सकती थी, वो बस उसके यादों के सहारे ही अपना जीवन बिताना चाहती थी। उसने नौकरी करके अपने बच्चे की परवरिश की।
अब माँ बेटी ही एक दूसरे के लिए सहारा बनी, और अपनी जिंदगी जीने लगी।