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Rashi Singh

Fantasy

4  

Rashi Singh

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आयरन लेडीज

आयरन लेडीज

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"अरे वाह आदिति तुमने तो कमाल कर दिया, इतिहास रच दिया आज तक हमारे खानदान में महिलाओं की तो छोड किसी पुरुष तक ने तेज इतनी कठिन डॉक्टरी की परीक्षा पास करके खानदान का नाम रोशन नहीं किया और तुमने पहले ही प्रयास में ....!"दादू ने भावुकता से आदिति को गले से लगाते हुए कहा।

आदिति की मम्मी रूपाली की आंखें भी खुशी से भर आईं।

"आयरन गर्ल है मेरी बिटिया।"पापा कैलाश भी खुशी का इजहार करते हुए बोले।

"पापा सबसे बड़ी आयरन लेडीज का तो आपने नाम ही नहीं लिया इस परिवार की।"आदिति ने खिलखिलाते हुए कहा।

"ऐसा कौन है ?"सभी आश्चर्य से एक दूसरे का मुंह देखने लगे।

"नहीं पता न कौन है।"

"न बेटा ऐसा तो कोई नहीं।"दादू ने मुस्कराते हुए कहा।

"अरे दादू आपको यह भी नहीं पता ?"

"नहीं बेटा।"

"दादी और मम्मी।"आदिति ने अपनी मम्मी के गले लगते हुए और दादी के फोटो की और प्रेमभाव से देखते हुए कहा।

"दादू महिलाएं किसी डिग्री की मोहताज नहीं होती वो तो पैदाइशी आयरन लेडी होती हैं ...कितने रिश्तों को निभाती हैं ..अपनी जान की बाजी लगाकर अपनी संतान को जन्म देती हैं।"छोटी सी आदिति के मुंह से ऐसी ज्ञान की बातें सुनकर दादू की आंखें भर आईं जिन्होंने दादी की कभी कीमत ही नहीं समझी थी खुद इंस्पेक्टर थे और वो बिना पढ़ी लिखी लेकिन घर को करीने से चलाने वाली महिला थीं।कैलाश ने पहली दफा सम्मान की दृष्टि से रूपाली की तरफ देखा।

रूपाली ने आदिति को गले से लगा लिया और फुटफूटकर रो पड़ी।

"मम्मी आयरन लेडीज रोती नहीं।"आदिति ने अपनी मम्मी के आंसू पोंछे।

"आयरन लेडीज सबसे ज्यादा रोती हैं, यही उनकी किस्मत होती है और जिंदगी भी।"रूपाली ने कैलाश की तरफ देखते हुए कहा तो वह नजरें चुराने लगा।

आज पहली दफा उसे अपनी गलती का एहसास हुआ कि कोई भी महिला कमजोर नहीं होती।


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